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________________ महावीर परिचय और वाणी के खिलाफ विनान इसीलिए जीता है कि धम है थाड़े से लोगो के हाथ म और विशान ने सत्य द दिया है सबने हाथ म | विमान की जीत का कारण यह है दि उसने पहली दफा नान को सावरोक्सि बना दिया है। महावीर ने इस सम्बध म बड़ी भारी क्रान्ति की। उहाने ठेट बाजार म पहुँचा दी मारी बात । इससे पडिता को ग्रोध भी बहुत हुआ। उनका धघा इसलिए चरता था कि बातें गुप्त थी। महावीर न धम की सारी गुत्थी सुल्या दी, इमलिए पडित उन पर नाराज रहे हा तो काई आश्चय ही। उहाने वह काम किया जो एक डॉक्टर सीधी हिदी म प्रिस्क्रिप्शन लिसबर कर सकता है। एस डॉक्टर पर दूसरे समी डापटर नाराज हा जायगे कि तुम क्या कर रहे हो तुमस सारा धघा चौपट हो जायगा । महावीर शास्त्रा का बीच में राना ही नही चाहत पयोनि गास्ना को लाते हा शास्त्रीयता आती है पाडित्य आता है दूसान आती है सारी यवस्था जाती है। वे ऐसे बाल रहे हैं जसे कि कोई पहला आदमी जमीन पर सडा होर बोल रहा हा और उस किसी शास्त्र का कोई पता भी न हो।
SR No.009967
Book TitleMahavir Parichay aur Vani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherOsho Rajnish
Publication Year1923
Total Pages323
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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