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________________ कीट अपनी उपस्थिति का परिचय कैसे देते है ? अधिकतर कीटो के उडान भरने पर उनके पखो से 'भन-भन' की आवाज निकलती है। स्वाभाविक है कि कीट जितनी तेजी से उडेगे, यह आवाज भी उतनी ही तेजी से होगी। भारे के पर गुजन करते हुए चलते हैं, मानो कोई छोटा-सा वायुयान उड रहा हो। एक मजेदार बात यह है कि प्राय कीट का गुजन उसके पेरो से होता है। यह गुजन परो के आपस मे रगड खाने या हिलाकर चलने से भी होता है। ___ आवाज के सहारे ही कीट एक-दूसरे को पहचानते हैं तथा अपनी उपस्थिति का आभास कराते हैं। D शरीर को खरोचकर या जबडो को घिसकर भी कीट आवाज पैदा करते हैं। मानवो के समान बोलने का कोई यत्र या कठ इनके पास नहीं होता। बहुधा शत्रु को डराने और प्रेमी को बुलाने के लिए कीट ध्वनियाँ करते हैं। कीटो का भोजन कितना ऐसा मत सोचिए कि छोटे-छोटे कीट कितना खा पाते होगे। वे प्रतिदिन अपने शरीर के भार के वरावर खा जाते हैं। और यह कम नही होता । 160का पन का अर्यजनक यन
SR No.009966
Book TitleKeet Patango ki Ascharyajanak Baten
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajnish Prakash
PublisherVidya Vihar
Publication Year1960
Total Pages69
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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