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________________ - - -- Kaifskeyw भिन्न-भिन्न प्रकार के कीटो के कान भिन्न-भिन्न या दूसरे भागो में भी होते हैं। अनेक प्रकार के कीट शरीर के बहुत-से भागो से सूंघते हैं। इनमें मानवो के समान विकसित कान नहीं होते तथा न ही इनकी मानवो के समान नाक होती है। इनकी सूँघने की शक्ति तेज होती है । Ima कीटों के कान भी कितने विचित्र है? कई टिड्डो के कान उनके उदर पर होते हैं। इन्हें कान न कहकेर सुनने का छोटा-सा यत्र कहना चाहिए । कीटो की यह विशेषता होती है कि ये कपन का अनुभव अपने पैरो के माध्यम से भी कर सकते है । प्रकृति ने इन्हे यह अद्भुत शक्ति प्रदान की है। कैटीडिड नामक कीडा टॉगो पर बने नन्हे 'धब्बो' की सहायता से सुनता है । बहुधा इनका स्वर कटु और कानो को प्रिय न लगनेवाला होता है । 45 कीट-पतंगों को आश्चर्यजनक बातें 15
SR No.009966
Book TitleKeet Patango ki Ascharyajanak Baten
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajnish Prakash
PublisherVidya Vihar
Publication Year1960
Total Pages69
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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