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________________ ज्यों था त्यों ठहराया फिर प्रत्येक व्यक्ति के सोने का अलग-अलग काल गहरा होता है। वैज्ञानिक खोज से यह पता चला है कि बाईस घंटे तो शरीर का एक तापमान रहता है। और दो घंटे के लिए रात में शरीर का तापमान कम से कम दो डिग्री नीचे गिर जाता है। वे दो घंटे सर्वाधिक गहरी नींद के घंटे हैं। किसी का दो बजे से चार बजे के बीच गिरता है। किसी का तीन बजे से पांच बजे के बीच गिरता है। किसी का चार से छह के बीच गिरता है। किसी का पांच से सात के बीच गिरता है। उन दो घंटों को अगर तुम ठीक से नहीं सोए, तो तुम दिन भर उदास रहोगे, खिन्न रहोगे, बेचान रहोगे, परेशान रहोगे। वे दो घंटे तो गहरी नींद में जाने ही चाहिए। और वे चूंकि प्रत्येक व्यक्ति के अलग-अलग हैं, इसलिए कोई नियम नहीं बना सकता कि ब्रह्ममुहूर्त में ही उठ आना। हो सकता है तुम्हारे लिए वे ही दो घंटे सर्वाधिक मूल्यवान हों। इसलिए तुम्हें अपना ही निरीक्षण करना होगा कि मेरी नींद सबसे ज्यादा गहरी कब होती है। जब तुम्हारी नींद सर्वाधिक गहरी होती है, उसको तोड़ना ही मत अन्यथा तुम अपने शरीर की दुश्मनी कर रहे हो। और फिर शरीर उसके बदले लेगा। शरीर तुम्हें फिर छोड़ेगा नहीं। शरीर की प्रकृति के विपरीत जाओगे, तो घातक बीमारियां होंगी। शरीर जल्दी ही क्षीण हो जाएगा, रुग्ण हो जाएगा, वृद्ध हो जाएगा। इसलिए मैं कुछ नहीं कह सकता कि ब्रह्ममुहूर्त में जगना या नहीं। तुम जांच कर लेना। अकसर तो यह होता है कि ब्रह्ममुहूर्त में तुम जबर्दस्ती उठते हो, क्योंकि शास्त्रों में कहा गया है। खींचतान कर अपने को उठा लेते हो। नींद आ रही है और उठ गए हो। ठंडे पानी में नहा कर नींद को भगा रहे हो। फिर किसी तरह बैठ कर झपकी खा रहे हो और ओंकार का मंत्र जप रहे हो! और ओंकार का मंत्र जपोगे, तो और झपकी आएगी, क्योंकि मंत्र जपने से नींद आने का संबंध है। किसी भी चीज को बार-बार दोहराओगे, तो नींद पैदा होती है। इसलिए मां अपने बच्चे के पास लोरी गाती है। लोरी का अर्थ इतना ही होता है कि एक ही शब्द को दोहराए जाती है कि सो जा बेटा--मुन्ना बेटा, राजा बेटा! कुछ एकाध दो शब्दों को दोहराए चली जाती। थोड़ी देर में बेटा सो जाता है। मां सोचती है कि शायद मेरे सुमधुर संगीत के कारण सो रहा है! चाहे ये देवी कर्कशा हों! बेटा इसलिए सो गया है कि वह जो बकवास लगा रही थी--कि राजा बेटा! मुन्ना बेटा! राजा बेटा--मुन्ना बेटा! उसको कब तक सुने! घबड़ा कर भीतर सरक गया; नींद में डूब गया--कि हे माताराम! छुट्टी दो! तुम्हारी भी छुट्टी, मेरी भी छुट्टी! तुम क्या करोगे ओंकार का जाप? बैठ कर दोहराओगे--ओम ओम ओम। दोहराने से सिर्फ तंद्रा आएगी। और अगर ब्रह्ममुहूर्त में जबर्दस्ती उठ आए हो--और अभी जवान हो, तो जबर्दस्ती ही उठोगे-तब तो और भी नींद आएगी। इससे अपराधभाव पैदा होगा। तुम्हारी तथाकथित धार्मिक धारणाएं तुम्हें अपराधभाव से भर देती हैं। फिर तुम्हें यह बेचैनी होगी कि ब्रह्ममुहूर्त में मैं सजग क्यों नहीं हो पाता! नींद क्यों नहीं आती है? Page 207 of 255 http://www.oshoworld.com
SR No.009965
Book TitleJyo tha Tyo Thaharaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherOsho Rajnish
Publication Year
Total Pages255
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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