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________________ MERI BHAWNA 14 ग्रंथों के अतिरिक्त श्वेताम्बर जैन आगम ग्रंथ, वैदिक, एवं बौद्ध साहित्य के अनेक महत्त्वपूर्ण मुद्रित ग्रंथ भी उपलब्ध हैं। संस्था द्वारा महत्त्वपूर्ण ग्रंथों का प्रकाशन समय-समय पर किया जाता रहा है, जिनमें मुख्यतः पुरातन जैन वाक्य सूची, जैन लक्षणावली आदि एवं अंग्रेजी भाषा में बाबू छोटेलाल जैन सरावगी, कलकत्ता द्वारा रचित जैन बिबिलियोग्राफी दो भाग हैं। संस्था के द्वारा 50 से भी अधिक ग्रंथ प्रकाशित हुए हैं। संस्था के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अनेकान्त शोध पत्रिका का निरन्तर प्रकाशन किया जा रहा है। संस्था की साहित्यिक गतिविधियों को मूर्त रूप प्रदान करने में पं. परमानन्द शास्त्री, डॉ. ए. एन. उपाध्ये, पं. बालचन्द्र सिद्धान्तशास्त्री और पं. पदमचन्द शास्त्री का विशेष योगदान रहा है। समय-समय पर अनेक आचार्यों और मुनि महाराज का आशीर्वाद एवं प्रेरणा संस्था को प्राप्त होता रहा है। यह संस्था और ग्रंथागार जनहित के साथ-साथ शोधार्थियों को भी उपयोगी सिद्ध होते रहे हैं। वीर सेवा मंदिर पुस्तकालय का अनेक भारतीय और विदेशी अनुसंधानकर्त्ता अपने अनुसंधान हेतु लाभ लेने आते रहते हैं। यहाँ आने वाले शोधार्थियों के लिए संस्था में जाति - समुदाय का भेदभाव किए बिना ठहरने और पढ़ने की निःशुल्क व्यवस्था की जाती है। जैन साहित्य और इतिहास के सम्बन्धों में अन्वेषण करने वाली यह एक प्रमुख संस्था है। ***** Jam 4
SR No.009961
Book TitleMeri Bhavna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year
Total Pages28
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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