SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 83
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( ७६ ) समयसारदृष्टान्तमर्म से परिणमता नहीं है और पर पदार्थको ज्ञायक अपने स्वभावसे परिणामाता नहीं है, तो भी पुद्गलादिक पर द्रव्यके निमित्तसे याने जाननका विषय पुद्गलादिक होनेसे आत्मा (ज्ञायक) अपने ही ज्ञानगुणनिर्भरस्वभावके परिणामसे परिणम जाता है और पुद्गलादिक पर द्रव्य ज्ञायक आत्माके जानन परिणाम के निमित्तसे अपने ही स्वभावसे ज्ञयरूप होते हैं । अतः इस निमित्तनैमित्तिक सम्बन्ध के कारण संयोग दृष्टिमें यह प्रतीत होता है कि ज्ञायक आत्मा अपने स्वभावसे पुद्गलादिको जानता है । यह मात्र व्यवहारका वर्णन है । २१६ -- जैसे कि यद्यपि श्वतयित्री खड़िया श्वत्य भटकी कुछ नहीं है तो भी इनमें परस्पर निमित्तनैमित्तिक भाव होनेसे श्वेतायत्री खड़िया भींट की है ऐसा व्यवहार किया जाता है । इसी प्रकार यद्यपि दर्शक यह आत्मा पुद्गलादिक दृश्य पदार्थोंका कुछ नहीं है तो भी दृश्य पदार्थों का विषय करता दर्शक आत्मा, देखने रूप क्रियासे परिणमना है और दर्शक आत्मा के विषय होनेसे पदार्थ दृश्य कहलाते हैं । अतः यह व्यवहार किया जाता है कि दर्शक (आत्मा) दृश्य (पदार्थों) का है । यह मात्र व्यवहारका व्याख्यान है । २१७ - इसी प्रकार जैसे यद्यपि, खड़िया श्व ेतयित्री श्वेत्य भींटकी नहीं है तो भी इनमें परस्पर निमित्तनैमित्तिक सम्बन्ध होनेसे खड़िया श्वेतयित्री श्वेत्य भटकी है ऐसा व्यवहार किया जाता है। इसी तरह यद्यपि पोहक (त्याग करने वाला) आत्मा अपोहा ( त्याज्य) पदार्थोंका नहीं है तो जिन पदार्थों त्रिपयक विकल्पसे यह आत्मा अलग हुआ है अथवा स्वभावतः अन्य पदार्थोंसे परे रहता है, उन सब पदार्थोंका व आत्माका पोह्य अपोहक व्यवहाररूप सम्बन्ध के कारण ऐसा व्यवहार में कहा जाता है कि पोहक (आत्मा) अपोहा (पदार्थों) का है। इस प्रकार उक्त प्रकारोंसे आत्मा के दर्शन, ज्ञान, चारित्र शक्तिकी ८. तियोंको निश्चय व व्यवहार दो रूपोंमें देखनेका प्रकार है। इसी अन्य पर्यायों में भी लगा लेना चाहिये ।
SR No.009948
Book TitleSamaysara Drushtantmarm
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManohar Maharaj
PublisherSahajanand Shastramala
Publication Year1960
Total Pages90
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy