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________________ १६. द्रव्यार्थिक नय सामान्य - ४६१ २ द्रव्यार्थिक नय सामान्य के लक्षण या सामान्य १ : पर्याय या विशेषो के गौण करके जो द्रव्य को ग्रहण करता है, वह द्रव्यार्थिक है । २ : -- सामान्य द्रव्य ही है प्रयोजन जिसका सो द्रव्यार्थिक है । ३ : – सामान्य या अभेद द्रव्य के निश्चय को द्रव्यार्थिक कहते है | ४ -- द्रव्यार्थिक अवक्तव्य है । केवल अनुभव गम्य है । ५ . - - सकल गुण गुणी आदि भेदो का निषेध करना द्रव्यार्थिक का लक्षण है । , ६ . --- इतना ही मात्र द्रव्य नही है, इसके अतिरिक्त और कुछ भी है ऐसा विकल्प द्रव्यार्थिक नय का लक्षण है । आओ क्रम से इन पाचों लक्षणो की आगम मे खोज करे ताकि इनकी प्रमाणिकता सिद्ध हो जाए और साथ साथ लक्षण भी स्पष्टत दृष्टि मे आ जाए । इन उद्धरणों को ही उपरोक्त लक्षण के उदाहरण समझना । यहा यह बात बता देनी योग्य है कि जैसा कि आगे बताया जाएगा द्रव्यार्थिक नय का दूसरा नाम निश्चय नय भी है । अतः यहा पर आने वाले उद्धरणों में आपको दोनो शब्द मिलेगे । पहिले दो लक्षणो मे तो आपको द्रव्यार्थिक शब्द का ही प्रयोग मिलेगा । पर आगे के चार लक्षणों में निश्चय का प्रयोग भी मिलेगा । अब इन लक्षणो की पुष्टि व अभ्यास के अर्थ कुछ आगम कथित उद्धरण देखिये । १ लक्षण नं० १ ( पर्याय या विशेष को गौण करके द्रव्य सामान्य का ग्रहण)
SR No.009942
Book TitleNay Darpan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendra Varni
PublisherPremkumari Smarak Jain Granthmala
Publication Year1972
Total Pages806
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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