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________________ २ शब्द व ज्ञान सम्बन्ध २७ ५ वस्तु को खंडित करके __ प्रतिपादन करने की पद्धति प्रयोग करूं और लग आप पर पानी के कलशे उन्धाते तो क्या आपकी गर्मी दूर हो - पायेगी ? तीसरे प्रकार से 'आपका शरीर आज कुछ गर्म है' इस वाक्य मे पडे गर्म शब्द का अर्थ ज्वर रोग है, जो न पानी में रखने से दूर हो सकता है और न शान्ति धारण करने से, बल्कि योग्य औषधि का सेवन करना ही इसका उपचार है । लौकिक व विषयो मे यद्यपि यथास्थान उस शब्द का आप ठीक ठीक ही अर्थ समझ जाते है, पर यहा लिखे शब्द जिस अदृष्ट पदार्थ की ओर सकेत कर रहे है उसका परिचय न होने के कारण, भिन्न-भिन्न स्थलों मे यथा योग्य अर्थ लगाने में बड़ी कठिनाई पड़ती है, जब तक कि बुद्धि का प्रयोग करके उसका अभ्यास न कर लिया जावे । एक ही शब्द आपके लौकिक प्रयोग मे कुछ और अर्थ का प्रतिपादन करता है, डाक्टरी की भाषा मे किसी और अर्थ का, अर्थ शास्त्र को परिभाषा मे किसी और अर्थ का और अध्यात्म शास्त्र की परिभाषा मे किसी और अर्थ का । अत. शब्दो के यथा योग्य अर्थो से भी परिचय प्राप्त करना अत्यन्त आवश्यक है। वचन की असमर्थता को देखते हुए हमे यह बात खोजनी है, कि इसे माध्यम बनाकर किस प्रकार वक्ता अपने अभिनको प्राय को श्रोता पर प्रगट कर सकता है, और श्रोता खडित करके किस प्रकार उसको समझ सकता है । दो प्रकार प्रतिपादन करने से यह काम किया जा सकता है, या तो वक्ता अपने की पद्धति हृदय को चीरकर आपको वह विषय दिखादे और या शब्दो के द्वारा प्रतिपादन करके, आप के अनुमान को कुछ खेच कर, उसके निकट पहुचा दे । पहिला उपाय तो कल्पना मात्र है । दूसरा उपाय ही प्रयोजनीय है । इसके लिये एक दृष्टात देता है। एक कपडे का मील जो इन्दौर मे लगा है बम्बई ले जाना अभीप्ट है । क्या कोई हनुमान ऐसा है जो पर्वत तक इस सारे को एक दम उठाकर चलता चलाता मील बम्बई मे रख आये ? नही ऐसा तो होना
SR No.009942
Book TitleNay Darpan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendra Varni
PublisherPremkumari Smarak Jain Granthmala
Publication Year1972
Total Pages806
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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