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________________ २ द्रव्य व उसके गो का परिचय ३ पर्याय ४ वस्तु के स्वचतुष्टय ५ सामान्य व विशेष ६ साराश ७ द्रव्य के अगो सम्बन्धी समन्वय २ ज्ञान ३ चरित ४ श्रद्धा ५ वेदना ६ शुद्धाशुद्ध भाव परिचय ७ क्षायिकादि चार भाव ८ पारिणाभिक भाव ६ भावो का स्वामित्व १० वस्तु में पाचो भावो का दर्शन ( २ ) ८७ ७ आत्मा व उसके अग. - १ आत्मा सामान्य का सक्षिप्त ११५ परिचय समन्वय सप्त भंगी - - ६५ ६६ १०१ १०५ १०७ ११८ १२० १२२ १२३ १२४ १२८ १३० १३४ १३६ ११ आत्म की द्रव्य पर्यायो का १४० परिचय १२ पारिणामिकादि भावो का १४५ १ सप्त भग सामान्य का १४८ परिचय २ वस्तु के वक्तव्य अवक्तव्य १५० दो अग ३ स्व पर चतुष्टय ४ अस्ति नास्ति भग ५ अवक्तव्य अग ६ सात भगो की उत्पत्ति ७ सात भगो की सार्थकता सात भगो के लक्षण ६ सप्त भगी के कारण प्रयोजनादि १० शका समाधान ६ नय की स्थापनाः -- १ वक्ताका प्रयोजन २ नय का लक्षण ३ अर्थ, ज्ञान व वचन नय ४ वचन कैसा होना चाहिये ५ प्रत्येक शब्द एक नय है १५० १५२ १५५ १५६ १५८ १६० १६२ १६४ १६७ १७१ १७४ १७५ १७६ ६ नय प्रयोग से लाभ १८३ ७ वस्तु मे नय प्रयोग की १८४ रीति ८नय का उदाहरण, लक्षण, १८७ कारण व प्रयोजन नयो के मूल भेदो का १६० परिचय १० आगम व अध्यात्म पद्धति १९३ ११ नय चार्ट १६४ १० मुख्य गौण व्यवस्थाः - १ मुख्य गौण व्यवस्था का १९५ श्रर्थ २ विशेषण विशेष्य व्यवस्था २०२ ३ किसको मुख्य किया जाय २०४
SR No.009942
Book TitleNay Darpan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendra Varni
PublisherPremkumari Smarak Jain Granthmala
Publication Year1972
Total Pages806
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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