SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 128
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ६. द्रव्य सामान्य १०७ ७. द्रव्य व अंगो सम्बन्धी - समन्वय द्रव्य के इस उलझे हुये रूप को और अधिक स्पप्ट करने द्रव्य व अगो के लिये यहां कुछ प्रश्नोत्तर सबंधी समन्वय करना आवश्यक है। १ प्रश्न--- गुण व गुण पर्याय में क्या अन्तर है उत्तर- (i) गुण पर्याय उस गुण की एक समय की व्यक्ति का नाम है जो अगले समय में बदल जाती है, और गुण उस शक्ति का नाम है जिस के आधार पर कि वह पर्याय बदलती रहती है, या जिस पर कि वे सब आगे पीछे होने वाली पर्याय नृत्य करती है। (ii) गुण पर्याय उसकी एक समय की व्यक्ति का नाम है और गुण उसकी तीन काल की सर्व व्यक्तियों के समूह का नाम है, उनके एक अखड पिण्ड का नाम है। अखंड पिण्ड का रूप आगे प्रश्न न. ३ मे दर्शाया जायेगा । २. प्रश्न --- द्रव्य व द्रव्य पर्याय मे क्या अन्तर है उत्तर:- द्रव्य उस त्रिकाली पिण्ड रूप गुणों का समूह है द्रव्य पर्याय उन सर्व गुणो की एक समय की पृथक पृथक पर्यायो का समूह । त्रिकाली गुणों का समूह त्रिकाली द्रव्य और गुणो की एक समय की पर्यायो का समूह एक समय का द्रव्य । त्रिकाली द्रव्य को द्रव्य कहते है और एक समय के द्रव्य को द्रव्य पर्याय । यह भी अगले प्रश्न के अर्न्तगत आने वाले दृष्टात- पर से स्पष्ट हो जायेगा। इसके अतिरिक्त द्रव्य के संस्थान या आकृति को भी द्रव्य पर्याय कहते है । ३. प्रश्नः-- द्रव्य मे या गुण मे पर्याय, भले सर्वत्र व्यापकर रहती हो -, पर सर्वदा व्यापकर नहीं रहती, ऐसा नियम कर दिया गया
SR No.009942
Book TitleNay Darpan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendra Varni
PublisherPremkumari Smarak Jain Granthmala
Publication Year1972
Total Pages806
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy