SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 127
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ६. द्रव्य सामान्य १.६ ६. साराश ११. अथवा द्रव्य के आकार या संस्थान सम्बन्धी पर्याय को द्रव्य पर्याय कहते है, और इससे अतिरिक्त अन्य गुणो को पर्यायों को गुण पर्याय कहते है । १२. द्रव्य पर्याय को व्यञ्जन पर्याय और गुण पर्याय को अर्थ पर्याय कहते है । अथवा सूक्ष्म पर्याय को अर्थ पर्याय व स्थूल पर्याय को व्यञ्जन पर्याय कहते है । १३. गुण व पर्याय का अधिष्ठान द्रव्य कहलाता है। वह आकार वान होता है। १४. द्रव्य के आकार या संस्थान को उसका क्षेत्र कहते है । उसका सूक्ष्मतम भाग प्रदेश कहलाता है। १५. द्रव्य, गुण व पर्यायों की स्थिति उस उस का काल कहलाता । उसका सूक्ष्मतम भाग एक समय कहलाता है । अर्थ पर्याय की स्थिति एक समय है, तथा व्यञ्जन । पर्याय की स्थिति मिन्ट, घण्टे, द्रवर्षादि १६. गुण या गुण पर्याय का नाम ही भाव है। उसका सूक्ष्म तम भाग एक अविभाग प्रतिच्छेद कहलाता है । १७. यह द्रव्य क्षेत्र काल व भाव वस्तु के स्वचतुष्टय ___ - कहलाते है। - .. १८. अन्तिम निविशेष भाग को विशेष कहते है, जैसे प्रदेश समय आदि और अनेक विशेषो मे अनुगत एक तत्व सामान्य कहलाता है। :- . . . १९. सामान्य चतुष्टय स्वरूप तत्व सामान्य और विशष , . चतुष्टय स्वरूप तत्व विशप कहलाते हैं ।
SR No.009942
Book TitleNay Darpan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendra Varni
PublisherPremkumari Smarak Jain Granthmala
Publication Year1972
Total Pages806
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy