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________________ Ιε ७ ८ 18 १० ११ | १२ १३ १४ ठाणांग सुत्तं दो किरियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा- आरंभिया चेव परिग्गहिया चेव । आरंभिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा- जीव आरंभिया चेव अजीवआरंभिया चेव । परिग्गहियाकिरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा- जीवपरिग्गहिया चेव अजीव परिग्गहिया चेव । दो किरियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा- मायावत्तिया चेव मिच्छादंसण- वत्तिया चेव । मायावत्तियाकिरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा - आयभाववंकणता चेव पर- भाव वंकणता चेव । मिच्छादंसणवत्तियाकिरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा- ऊणाइ- रियमिच्छादंसणवत्तिया चेव, तव्वइरित्तमिच्छादंसणवत्तिया चेव । दो किरियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा- दिट्ठिया चेव, पुट्ठिया चेव । दिट्ठिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा- जीवदिट्ठिया चेव, अजीवदिट्ठिया चेव । पुट्ठिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा- जीवपुट्ठिया चेव, अजीवपुट्ठिया चेव । दो किरियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा- पाडुच्चिया चेव सामंतोवणिवाइया चेव । पाडुच्चिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा- जीवपाडुच्चिया चेव, अजीव पाडुच्चिया चे । सामंतोवणिवाइया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा- जीवसामंतो-वणिवाइया चेव, अजीवसामंतोवणिवाइया चेव । दो किरियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा- साहत्थिया चेव, णेसत्थिया चेव । साहत्थिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा- जीव साहत्थिया चेव, अजीव साहत्थिया चेव । णेसत्थिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा जीव णेसत्थिया चेव, अजीव णेसत्थिया चेव । दो किरियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा- आणवणिया चेव, वेयारणिया चेव । आणवणिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा- जीवआणवणिया चेव, अजीव आणवणिया चेव । वेयारणिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा जीव वेयारणिया चेव, अजीव वेयारणिया चेव । दो किरियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा अणाभोगवत्तिया चेव, अणवकंखवत्तिया चेव । अणाभोगवत्तिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा- अणाउत्तआयाणया चेव, अणाउत्तपमज्जणया चेव । अणव- कंखवत्तिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा- आयसरीरअणवकंखवत्तिया चेव, परसरीरअणवकंखवत्तिया चेव । दो किरियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा- पेज्जवत्तिया चेव, दोसवत्तिया चेव । पेज्जवत्तिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा- मायावत्तिया चेव, लोभवत्तिया चेव । दोसवत्तिया किरिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा- कोहे चेव, माणे चेव । दुविहा गरहा पण्णत्ता, तं जहा- मणसा वेगे गरहइ, वयसा वेगे गरहइ । अहवा-गरहा दुविहा पण्णत्ता, तं जहा- दीहं वेगे अद्धं गरहइ, रहस्सं वेगे अद्धं गरहइ । 6
SR No.009903
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Mool Sthanakvasi
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorDevardhigani Kshamashaman
PublisherGlobal Jain Agam Mission
Publication Year2012
Total Pages189
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sthanang
File Size4 MB
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