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________________ दण्डनीति प्रजाकी संरक्षक वार्य होजाता है । प्रजा जब राज्य संस्थावालोंको भी प्रजाका आखेट करता देखती है तब उसकी देखादेखी भापस में ही एक दूसरेका भाखेर करने लगती है। राजा स्वभावसे ही राष्टचरित्रका बादश बन जाता है। राजा समस्त प्रजाकी मांखों के सामने अनुकरणीय कानूनोंका रूप लंकर भाखडा होता है। राजाका पाप सहस्रगुण होकर प्रजापर बरसने लगता है। अधिक क्या कहें दण्डके अविवेक दुष्प्रयोग तथा डिलाईसे राज्य संस्था ही नष्ट भ्रष्ट होनाती है । राज्यों के अस्तित्व, दण्डनीतिके समुचित प्रयोगसे ही सुरक्षित रहते हैं। पापीको क्षमा मिलना या दण्ड न मिलपाना ही निरपराधोंको दण्ड मिलना होजाता है । पापीका रक्षण निरपराधका वध बन जाता है । जिस राज्यसंस्थामें पापियोंको क्षमा मिल जाती है, जो राज्यसंस्था पापियोंका बाल बांका करने में समर्थ होजाती है, मान लीजिये कि वह स्वयं ही माततायी बन गई है। पापीको क्षमा या अरण्ड ही राजाका आततायीपन है। पापको क्षमा मूढ लोगों की भ्रान्त दृष्टि में शिष्टता प्रतीत होनेपर भी विचक्षणोंकी दृष्टि में राजाका ही माततायीपन होता है। राष्ट्र में से पापको देशनिकाला देनेकी दृष्टि से पापीको क्षमा करना भयंकर राष्ट्रीय अपराध है। शिष्टरक्षा, अशिष्टदमन, राष्ट्रीय शान्तिरक्षा आदि सब दण्डका ही उत्तरदायित्व और माहात्म्य है । दण्डनाति या दण्डधर्ममें अपराधीको चाहे वह काली गाय ही क्यों न बनता हो, क्षमा करनेका कोई औचित्य नहीं है। इसलिये राज्यसंस्थाको शिष्टोंकी रक्षा, अशिष्टोंके दमन तथा राष्ट्रकी शान्तिरक्षाके लिये उचित दण्ड देनेवाली बनकर रहना चाहिये । राजनीतिके विद्यार्थी जाने कि अपराधीके प्रति नक्षमा शत्रुसे प्रतिशोधका अविस्मरण ये दोनों गुण राष्ट्रों की जीवनरक्षाके लिये अनिवार्यरूपसे भावश्यक हैं। कोई भी राष्ट्र किन्हीं अनुभवहीन मिथ्या उपदेशकों के उपदेशसे प्रभावित होकर अपनी दण्डनीतिको ढीला न करे । राष्ट्रग्ना नामक धर्मपालन के लिये शान्तिघातक पापी देशद्रोहियों को मिटा डालना राजाका राष्ट्रीय कर्तव्य है । उस समय विशाल राष्ट्र के व्यापक कल्याणकी दृष्टि से ये कठोर समझ हुए काम भी धर्मकी श्रेणी में माते हैं।
SR No.009900
Book TitleChanakya Sutrani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamavatar Vidyabhaskar
PublisherSwadhyaya Mandal Pardi
Publication Year1946
Total Pages691
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size37 MB
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