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________________ चाणक्यसूत्राणिकी शीर्षक सूची पृष्ठ १ से २६ राजा २६ ur me ४७ शीर्षक सूची पृष्ठ शीर्षक सूची भूमिका सुखका मूल शत्रुराष्ट्र धर्मका मूल, अर्थका मूल मित्रराष्ट्र राज्यका मूल निर्बल धार्मिक राजाकी इन्द्रियजयका मूल संधिनीति विनयका मूल सबल धार्मिक राजाकी सन्धिः शासन-कुशलता सीखने का साधन ६ नीति, सन्धिका कारण योग्य शासक बनने की विधि युद्धका अवसर आत्मविजयी शत्रुप्रयत्नोंका निरीक्षण, जितात्मताका लाभ संधिका अवसर प्रजाकी संपन्नता तथा राजभक्तिका सन्धिमें सावधानता कारण, प्रजाकी गुणवृद्धिका राजद्रोह अकर्तव्य कारण सोम्य वेष प्रजाजनोंकी गुणवृद्धिसे राष्ट्रका राजद्रोही संगठनों का विनाश महालाभ व्यसनासक्तिसे हानि पंचायती राज्यकी कल्पना शूतसे हानि मन्त्रोत्पादन मृगयासे हानि, मन्त्रीकी नियुक्ति ___कामासक्तिस हानि मन्त्रणाके अयोग्य, कठोर वाणासे हान मंत्रीकी योग्यता कठोर दण्ड से हानि मित्रसंग्रह का लाभ, आर्थिक संतोषकी घातकता बलका उपयोग शत्रुदमन दण्डनीतिपर निर्भर आलस्यसे हानि दण्डनीति प्रजाकी संरक्षक राज्यतन्त्रका लक्षण तन्न दण्डका माहात्म्य, आवाप, मण्डल ४५ दण्डभावसे हानि
SR No.009900
Book TitleChanakya Sutrani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamavatar Vidyabhaskar
PublisherSwadhyaya Mandal Pardi
Publication Year1946
Total Pages691
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size37 MB
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