SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 212
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अत्याचार मत करो १८५ प्रजा स्वभावसे राजभक्त होती है। उसका सिर राजदण्ड के सम्मुख स्वभावसे अवनत रहता है। विद्रोह तो वह विवश होकर ही करती है। राजाका कर्तव्य है कि वह अपनी दुर्नीतिसे प्रजाके इस भवनत सिरको विद्रोही न बनने देकर अवनत रखे । परन्तु यह काम राजाकी विचारशील. तापर निर्भर रहता है । जब राजा विचारशून्य होकर प्रजासे सहानुभूति रखना छोड देता और अपनेको राष्ट्रका ही एक भंग न समझकर, राष्ट्रका मालिक बननेको पृष्टता करबैठता है, तब ही उसके मन में प्रजापीडन, प्रजा. शोषण आदि दुर्गुण उद्भूत होकर उसे अत्याचारी, भ्रष्टाचारी, बनाकर उसे प्रजाकी वृणाका पात्र बनाडालते हैं । राजाका अपनेको राष्ट्रका अंग न समझकर विशेषाधिकार संपन्न मानने लगना ऐसी व्याधि है जो राज्याधि कारका दुरुपयोग कराती है। विचारशील राज्याधिकारियों का कर्तव्य है कि व राज्याधिकार का दुरुपयोग करानेवाली इस व्याधिको राज्य संस्थामें न घुसने दें। प्रजाकी अत्याचार तथा उत्पीडन सहती चली जानेवाली कातर. तामयी सहनशीलताको राजभनिमें कदापि सम्मिलित न करना चाहिए किन्तु उसे राष्ट्र दक्षको तत्काल चिकित्स्य भयकर व्याधि मानना चाहिये । उत्पीडन सहनेवाली प्रजाकी सहनशीलता, अत्याचारी राज्याधिकारियों को मासुरिकता है। ___ अत्याचारी आसुरिक राज्याधिकारी प्रजाको बार बार नाना भांतिके दैहिक या आर्थिक उत्पीडनोंसे अम्त करकरके उसका विरोध करने का स्वभाव छुडाकर निष्कण्टक बन जाना चाहा करते हैं । इस दृष्टि से प्रजाकी यह अत्या. चार सहनशीलता अत्याचारी राजाकी आसुरिकता होती है । किसी राष्ट्रको अन्याय सहनशीलता देखकर निःशंक हो कर मान लो कि यहाँकी राजशक्तिने इस राष्ट्रकी मनुष्यता तथा अन्यायके विरोध करने की शक्तिको पददलिल करके उसे मनुष्यताहीन बनालिया है । जहाँ कहीं प्रजा अन्याय सह रही हो, वहाँके राजा या राज्याधिकारी अवश्य ही अत्याचारी हैं। सुयोग्य राज्या. धिकारियों को तो प्रजाकी अन्यायका विरोध करने की प्रवृत्तिको प्रोत्साहित
SR No.009900
Book TitleChanakya Sutrani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamavatar Vidyabhaskar
PublisherSwadhyaya Mandal Pardi
Publication Year1946
Total Pages691
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size37 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy