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________________ ११२ ] जैन साहित्य संशोधक [ खंड २ इतिहासामां मळी आवे छे ते उपर चर्चा कराश. शरुआतमां महावंश ग्रंथ लईशुं. कारण के एम आपली हकीकतो तद्दन स्पष्ट छे, ज्यारे दीपवंशमां आपेली बधी हकीकतो घणी गोटाळा भरेली छे. 67 महावंश २, २५ अने ४ १, ५, १४ मां जणावेलुं छे के बिंबिसारे ५२ वर्ष राज्य कर्य हतुं अने तेनी पछी तेनी हत्या करनार तेने। पुत्र अजातशत्रु आव्यो. तेणे बुद्ध निर्वाण पहेलां आठ वर्ष अने त्यारपछी २४ वर्ष एम कुल ३२ वर्ष राज्य कर्यु हतुं. अजातशत्रु पछी आवेला राज'ओ बुद्धधर्मना सारा आश्रयदाता थया होय तेम लागतुं नथी, कारण के महावंश ४, १ मां पछीना राजाओने 'पितृघातवंश' पटले पितानी हत्या करनाराओनो वंश, एवं नाम आपेलं छे. अने वधारेमां जणान्युं छे के ते वंशना सघळा राजाओ अनुक्रमे पोताना पिताने अगर पूर्व जने मारीने ज पोते गादी उपर आव्या हता. आ राजाओ ते अनुक्रमे -- उदयभहक जेणे १६ वर्ष 68 राज्य क. अनुरुद्धक अने मुण्ड बन्ने मळीने ८ वर्ष राज्य कर्यु अने छेल्लो नागदासक जेणे २४ वर्ष राज्य कर्तुं हतुं आ राक्षसो--जेमांना छेल्लाने आवेशमां आवी गएला लोकोए ठारमारी नाख्यो हतो तेमनी-पछी एक धर्मात्मा मंत्री शुशुनागे १८ वर्ष राज्य कर्यु अने तेनी पछी तेनो पुत्र कालासोक राजा थयो अने तेणे २८ वर्ष राज्य कर्यु. तेना शासनमा ११ मां aai ( अतीते दस वस्से, ४, ८ ) वेसालीमां बीजी सभा मळी जेनी मिति बुद्धनिर्वाण पछी १०० वर्ष आपेली छे. कालासोकनी पछी तेना दश पुत्रो गादिए आव्या अने तेमणे २२ वर्ष राज्य क. तेओनी पछी नव नंदो थया जेओए बीजां २२ वर्ष राज्य कर्यु. 69 छेला नंदने चाणक्ये गादी उपरथी उठावी दीधा पछी चंद्रगुप्त राजा थयो जेणे २८ वर्ष राज्य कर्यु. तेना पुत्र बिन्दुसारे ५८ वर्ष राज्य कर्यु अने तेनी पछी अशोक गादीए बेठो. ते पोताना ९९ भाईओने मारी माखीने निर्वाण बाद २१८ वर्षे राज्याभिषिक्त थयो. आ सघळी तारीख एक बीजा साथे साधारण रीते ठीक बेसती आवे छे परंतु उपरोक्त समन्तपासादिकामांनी 'भूल ' निःशंकपणे बतावे छे के आ परंपरा सघळी बाबतो मां विश्वास राखवा लायक नथी. अने तेथी आपणे बुद्धनिर्वाण पछी २१८ वर्षे अशोकनो अभिषेक थयो हतो ए जणावती नोंधने बहु महत्व 67. बुद्ध पछी सो वर्षे अशोक राजा थयो हतो ए प्रकारनुं दिव्यावदाननुं कथन हुं अहिं विचारमां लई शकतो नथी. ( pp. 568, 379 etc ) अने ए ग्रंथना, पृ. ३६९, ४३० उपर एक तद्दन अविश्वसनीय एवी राजांओनी यादी आपेली छे; जे यादी कोई पण अन्य नोंध साथै मळती आवती नथी बल्के अन्य सर्व नोंधथी विरुद्ध पडे छे. आ यादीमां नीचे प्रमाणे मगधराजाओनी यादी आपेली छे. बिंबिसार, अजातशत्रु, उदायिन् ( उदयिभद्र ), मुण्ड काकवर्णिन्, सहालि, तुलकुचि, महामण्डल, प्रसेनजित्, नन्द, बिन्दुसार, अशोक, सम्प्रति ( अशोकनो पौत्र अने कुणाल पुत्र ), बृहस्पति, बृहसेन (?) पुष्यधर्मन् अने पुष्यरथ आ स्थळे एटलं सूचववा मांगूं छं के आ यादीम चन्द्रगुप्त ने सर्वथा छोडी देवामां आव्यो छे अने ए ज एक बाबत उपरथी तेनी किंमत आंकी शकाश. 68. बुद्धघोषनी समन्तपासादिकाना ३२१३ पृ. मां, आ राजाओमांना प्रत्येकना ८ वर्षोंने बदले १८ वर्ष बतावेलां छे. आ परंपरा घणी अजायबी भरेली लागे छे, अने ते बुद्ध अने अशोकनी बच्चेनी कुल वर्ष संख्या साथ मोटो विरोध दर्शवे छे. आ उपरथी एटलं ज अनुमान काढी शकाय छे के सीलोननी परंपरा गंभीर रीते अचोक्कस छे. 69. मारा जाणवा प्रमाणे, आ पहेलां, ए कोईनी जाणमां नथी आव्युं के जैनपरंपरामां पण कालासोक अने तेना उत्तराधिकारीओनु झांखं स्मरण बच्युं छे. उपांग ८ अने ९ मां ( निरयावली ) कालराज अने तेना नव भाईओ, जेओने परंपरागत कथन अजातशत्रुना आरमान भाईओ होवानुं बतावे छे, तेओ संबंधी उल्लेख मळी आवे छे. अने आगळ ऊपर तेना दश पुत्रो जेमांना बे नामे महापद्म अने नन्दन हतां तेमनो पण उल्लेख थएलो छे. आ उपरथी नंदोना बीज पण सगाओना संबंधमां तद्दन अस्तव्यस्त रूपमा केटलुक मळतापणुं जोवाय - " Aho ! Shrutgyanam
SR No.009879
Book TitleJain Sahitya Sanshodhak Khand 02 Ank 01 to 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherJain Sahitya Sanshodhak Samaj Puna
Publication Year1923
Total Pages282
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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