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________________ अंक २] श्री महावीरनो समय-निर्णय [१११ ४७७ ने निर्वाणना वर्ष तरीके स्वीकारीए तो तेनी अनुसार अशोकना अभिषेक इ. स. पूर्व १६८ वर्षे आवी पडे परंतु आ परिणाम तो विशेष असंगत बने छे. __ आ हिसावे जोतां पुराणोमां भूल थई होय तेम जणाय छे अने ते सहेलाईथी शोधी शकाय तेवी छे. पिता अने नव पुत्रो मळी नन्दोनी बे पेढीओ हती एम ब्राह्मणोना, जैनोना अने केटलेक अंशे बौद्धोना ग्रंथोमां पण वर्णन जोवमां आवे छे. वळी हेमचन्द्र अने अन्य जैन ग्रंथकारो तो स्पष्ट रीते ज कहे छे के उदय अथवा उदायि ते शैशुनाग वंशनो छल्लो राजा हतो..आ उपरथी स्पष्ट थाय छे के महानन्दिन् अने नन्दिवर्धन जेवां नामानुं शैशुनाग नामो साथे काई सादृश्य नथी.परंतु ते नंद अने महानंदिन महापद्मनन्दनुं 65 जाणे टुंकुं रूप होय एम शंका उत्पन्न करे छे.आ उपरथी तेमज वर्षांनी अतिशयोक्ति भरेली संख्या उपरथी हुँ एवी कल्पना करुं छु के पुराणोमां बे वखत नन्दोनी गणत्री थई छे. अने आम थर्बु ते, नंदोना इतिहासना संबंधमां ते ग्रंथोमां थएलो मोटो गोटाळो जोतां, तहन शक्य लागे छे. वळी पिता अने पुत्रोना राज्यनां मळी जे एकंदर १०० वर्षो आपवामां आव्यां छे ते घणां शंकास्पद लागे छेकारण के आजे प्रत्येकने बराबर १० वर्ष फाळे आवे छे, आ दाखलाओ उपरथी हुं अनुमान करूं छु के महानन्दिन् अने नन्दिवर्धन आ बे पुरुषो असलमा नन्दो के जेमणे कुल मळीने ८५ वर्ष राज्य कर्यु हतुं तेमनी बे पेढीओना प्रतिनिधिओ हता. 66 अने नन्दोनां जे सो वर्ष बताववामां आव्यां छे ते पाछळथी साची हकीकतोनां विस्मरण अने गेरसमजतिने लईने, उमेरो थरलो छे. तेथी करीने जो आपणे नंदोमा १०० वर्ष उडावी दईए तो बुद्धनिर्वाण अने अशोकना अभिषेक बच्चेनो काल ३०९ वर्षोंने बदले २०९ वर्षोनो थाय. अने पछो निर्णीत कालगणनानुसार तेनो समय इ. स. पूर्वे २६८ मां पडे. परंतु बौद्धो जेमने अशोक परत्वेनी उमत्त माहिती छे तेओ कहे छे के तेणे पोताना अभिषेक पहेलां चार वर्ष अने अभिषेक पछी ३७ वर्ष राज्य कर्यु हतुं, जे हकीकत पुराणमांजणावेली ३६ नी संख्याने साधारण निकट थाय छे. जो आम होय तो आपणे ३६मां ५ उमेरवां जोईए अने तेम कर्याथी तेना राज्याधिरोहणनो काल इ. स. पूर्वे २७३ मां वर्षमा आवशे. आ मिति शिलालेखो उपरथी तारखी काढेली मिति अर्थात् इ. स. पूर्वे २७६-२७४ साथे लगभग मळती आवे छे. ___आटलुं विवेचन ब्राह्मणग्रंथना संबंधमां कर्यु. जैन हेवाल के जे उपर टांकेली स्मारक गाथाओमां मळी आवे छेते हेमचन्द्रना परिशिष्ट पर्वमा अंतर्गत थएली परंपरारूप ज छे. पण आनो विचार अंतमां ज करवो घटे छे. तेथी करीने हालमां बौद्धोनी हकीकतो, के जे सिलोनना ... 65. खारवेलना शिलालेखमा तेम ज कौटिलीयना पृ. ४२९ उपर नन्दराजना बे वखत निर्देश थएलो छे. नन्दुस खुल्ली रीते Justin XV, 4, 1 मांना अलेग्झेन्डुस माटे सुधारणा छे. . (जुओ Gutschmid ). Diodoras XVII 93 अने Curtins IX,2 मा चन्द्रगुप्तनी पहेलांना मगधना छेल्ला राजाना नाम बतावेला Xandrainas अथवा Aprammes i संस्कृत रूप शं थाय ते हूं बीलकुल समजी शकतो नथी. Xandramas मां संस्कृत शब्द चन्द्र अथवा तो चण्डंनो भास थाय छे खरा, पण नंदोमा आवु नाम नहि वळी शकतुं होवाथी आ उपरथी कांई अनुमान काढी शकाय नहि.. 66. बे पेढीओए मळीने कुल ८५ वर्ष राज्य कर्य होय ते बाबत जो के थोडीक अविश्वसनीय लागे खरी परंतु मि. विन्सेन्ट स्मीथे पोतानी Early History of India मां, अंग्रेजी इतिहासमांथी लांबा राज्यकाल दाखबतां जे उदाहरणो आप्यां छे ते जोता आ वात पण अशक्य होय एम लागती नथी. वाचक नीचेनी हकीकत उपर ध्यान आपशे के आठमो हेनरी अने तेनां पुत्रोए मळीने ९४ वर्ष ( १५०९-१६०३) राज्य कर्यु हतुं अने ते हेनरी इलिझाबेथना मरण पूर्वे ११२ वर्षे जन्म्यो हतो. Aho! Shrutgyanam
SR No.009879
Book TitleJain Sahitya Sanshodhak Khand 02 Ank 01 to 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinvijay
PublisherJain Sahitya Sanshodhak Samaj Puna
Publication Year1923
Total Pages282
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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