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________________ २०६ आगमसूत्र-हिन्दी अनुवाद पृथ्वीकायिक, अप्कायिक, तेजस्कायिक, वायुकायिक, वनस्पतिकायिक और त्रसकायिक पर्याप्तक और अपर्याप्तक में से कौन यावत् विशेषाधिक हैं ? गौतम ! सबसे अल्प त्रसकायिक पर्याप्तक हैं, त्रसकायिक अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, तेजस्कायिक अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, पृथ्वीकायिक अपर्याप्तक विशेषाधिक हैं, अप्कायिक अपर्याप्तक विशेषाधिक है, वायुकायिक अपर्याप्तक विशेषाधिक हैं, तेजस्कायिक पर्याप्तक संख्यातगुणे हैं, पृथ्वीकायिक पर्याप्तक विशेषाधिक हैं, अप्कायिक पर्याप्तक विशेषाधिक हैं, वायुकायिक पर्याप्तक विशेषाधिक हैं, वनस्पतिकायिक अपर्याप्तक अनन्तगुणे हैं, सकायिक अपर्याप्तक विशेषाधिक हैं, वनस्पतिकायिक पर्याप्तक संख्यातगुणे हैं, सकायिक पर्याप्तक विशेषाधिक हैं, और (उनसे भी) सकायिक विशेषाधिक हैं । [२६४] भगवन् ! इन सूक्ष्म, सूक्ष्म पृथ्वीकायिक, सूक्ष्म अप्कायिक, सूक्ष्म तेजस्कायिक, सूक्ष्म वायुकायिक, सूक्ष्म वनस्पतिकायिक एवं सूक्ष्मनिगोदों में से कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ? गौतम ! सबसे अल्प सूक्ष्म तेजस्कायिक हैं, सूक्ष्म पृथ्वीकायिक विशेषाधिक हैं, सूक्ष्म अप्कायिक विशेषाधिक हैं, सूक्ष्म वायुकायिक विशेषाधिक हैं, सूक्ष्म निगोद असंख्यातगुणे हैं, सूक्ष्म वनस्पतिकायिक अनन्तगुणे हैं और (उनसे भी) सूक्ष्म जीव विशेषाधिक हैं । भगवन् ! इन सूक्ष्म अपर्याप्तक, सूक्ष्म पृथ्वीकायिक अपर्याप्तक, सूक्ष्म अप्कायिक अपर्याप्तक, सूक्ष्म तेजस्कायिक अपर्याप्तक, सूक्ष्म वायुकायिक अपर्याप्तक, सूक्ष्म वनस्पतिकायिक अपर्याप्तक, सूक्ष्म निगोद अपर्याप्तक जीवों में ? गौतम ! सबसे थोड़े सूक्ष्म तेजस्कायिक अपर्याप्तक हैं, सूक्ष्म पृथ्वीकायिक अपर्याप्तक विशेषाधिक हैं, सूक्ष्म अप्कायिक, अपर्याप्तक विशेषाधिक हैं; सूक्ष्म वायुकायिक अपर्याप्तक विशेषाधिक हैं, सूक्ष्म और निगोद अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, सूक्ष्म वनस्पतिकायिक अपर्याप्तक अनन्तगुणे हैं और (उनसे भी) सूक्ष्म अपर्याप्तक जीव विशेषाधिक हैं । भगवन् ! इन सूक्ष्म पर्याप्तक, सूक्ष्म पृथ्वीकायिक पर्याप्तक, सूक्ष्म अप्कायिक पर्याप्तक, सूक्ष्म तेजस्कायिक पर्याप्तक, सूक्ष्म वायुकायिक पर्याप्तक, सूक्ष्म वनस्पतिकायिक पर्याप्तक और सूक्ष्म निगोद पर्याप्तक जीवों में ? गौतम ! सबसे थोड़े सूक्ष्म तेजस्कायिक पर्याप्तक हैं, सूक्ष्म पृथ्वीकायिक पर्याप्तक विशेषाधिक हैं, सूक्ष्म अप्कायिक पर्याप्तक विशेषाधिक हैं, सूक्ष्म वायुकायिक पर्याप्तक विशेषाधिक हैं, सूक्ष्म निगोद पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, सूक्ष्म वनस्पतिकायिक पर्याप्तक अनन्तगुणे हैं और (उनसे भी) विशेषाधिक सूक्ष्म पर्याप्तक जीव हैं। भगवन् ! इन सूक्ष्म पर्याप्तक-अपर्याप्तक जीवों में ? गौतम ! सबसे अल्प सूक्ष्म अपर्याप्तक जीव हैं, उनसे सूक्ष्म पर्याप्तक जीव संख्यातगुणे हैं । भगवन् ! इन सूक्ष्म पृथ्वीकायिक पर्याप्तक और अपर्याप्तकों में ? गौतम ! सबसे अल्प सूक्ष्म पृथ्वीकायिक अपर्याप्तक हैं, (उनसे) सूक्ष्म पृथ्वीकायिक पर्याप्तक संख्यातगुणे हैं । ईसी तरह सूक्ष्म वनस्पतिकायिको के विषय में जानना । भगवन् ! इन सूक्ष्म निगोद के पर्याप्तक और अपर्याप्तक जीवों में से कौन किनसे अल्प, बहुत, तुल्य अथवा विशेषाधिक हैं ? गौतम! सबसे थोड़े सूक्ष्म निगोद अपर्याप्तक हैं, (उनसे) सूक्ष्म निगोद अपर्याप्तक संख्यातगुणे हैं । भगवन् ! इन सूक्ष्म जीव, सूक्ष्म पृथ्वीकायिक, सूक्ष्म अप्कायिक, सूक्ष्म तेजस्कायिक,
SR No.009785
Book TitleAgam Sutra Hindi Anuvad Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Aradhana Kendra
Publication Year2001
Total Pages241
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size10 MB
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