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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra अायणं - १० www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (३००) लद्भूणं वि आरियत्तणं अहीणपंचेदियया हु दुल्लहा विगलिंदियया हु दीसई समयं गोयम मा पमायए (३०८) अहीणपंचेदियत्तं पि से लहे उत्तमधम्मसुई हु दुलहा कुतित्थिनिसेवए जणे समयं गोयम मा पमायए (३०९) लहूण वि उत्तमं सुई सद्दहणा पुणरावि दुलहा मिच्छत्तनिसेवए जणे समयं गोयम मा पमायए ( ३१०) धम्मं पिहु सद्दहंतया दुल्लहया काएण फासया इह कामगुणेहि मुच्छिया समर्थ गोयम मा पमायए । ( ३११) परिजूरइ ते सरीरयं केसा पंडुरया हवंति ते से सोयबले य हायई समयं गोयम मा पमायए (३१२) परिजूरइ ते सरीरयं केसा पंडुरया हवंति ते से चक्बले य हायई समयं गोयम मा पमायए परिजूरइ ते सरीरयं केसा पंडुरया हवंति ते से घाणवलेय हायई सयमं गोयम मा पमायए ( ११४) परिजूरइ ते सरीरयं केसा पंडुरया हवंति ते से जिम्मबले य हायई समयं गोयम मा पमायए ( ३१५) परिजूरइ ते सरीरयं केसा पंडुरया हवंति ते ( ३१३) से फासबले य हायई समयं गोयम मा पमायए (३१६) परिजूरइ ते सरीररंय कैसा पंडुरया हवंति ते से सव्यबले य हायई समयं गोयम मा पमायए (३१७) अरई गंडं विसूइया आयंका विविहा फुसंति ते विहडइ विद्धंसइ ते सरीरयं समयं गोयम मा पमायए (३१८) वोछिंद सिणेहमष्पणो कुमुयं सारइयं व पाणियं से सव्वसिणेहवज्जिए समयं गोयम मा पमायए (३११) चित्राण धणं व भारियं पव्वइओ हि सि अणगारिचं मातं पुणो वि आविए समयं गोयम मा पमायए ( ३२० ) अवउज्झिय मित्तबंधवं विउलं चैव धणोहसंचयं मातं बिइयं गयेसए समयं गोयम मा पमायए ( ३२१) नहु जिणे अच दिस्सई बहुमए दिस्सइ मग्गदेसिए संपइ नेयाउए पहे समयं गोयम मा पमायए (३२२) अवसोहिय कंटगापहं ओइन्नोसि पहं महालयं गच्छसि मगं विसोहिया समयं गोयम मा पमायए (३२३) अबले जह मारवाहए मा मग्गे विसमे ऽवगाहिया पच्छा पच्छाणुतायए समयं गोयम मा पमायए (३२४) तिष्णो हुसि अण्णवं पहं किं पुण चिट्ठसि तीरमागओ अमितुर पारं गमितए समयं गोयम मा पमायए For Private And Personal Use Only ||३०६ ॥ -17 ॥३०७॥ -16 1130411-19 ३०९ ॥ -20 ॥३१०॥ -21 11399|| -22 ॥३१२॥ -29 ||३१३|| -24 ॥३१४॥ -25 ॥३१५॥ -28 ||३१६॥ - 27 ॥३१७॥ -28 ।।३१८।। -28 1139811-90 ॥३२०|| 31 | ३२१|| 32 ।।३२२|| 33 ।।३२३॥ -34 २१
SR No.009773
Book TitleAgam 43 Uttarajjhayanam Mulsutt 04 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages114
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 43, & agam_uttaradhyayan
File Size2 MB
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