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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandin मासा - २३० १५ ||१५||-160 ॥१५२||-161 |१५३11-152 ॥७॥मा.-76 ॥७७||भा.-77 ॥५॥५.-5 |६|| प.-6 ॥७॥प.-7 1८1-8 (२३०) चोयगवयणं दीहं पणीयगहणे य नणु मवे दोसा जुनइ तं गुरुपाहुणगिलाणगद्वा न दप्पट्ठा । (२३१) जइ पुणखद्धपणीए अकारणे एक्कसिपि गिण्डेजा तहिदोसा तेण उ अकारणे खद्धनिद्वाई (२५२) एवं-रुइए पंडिल वसही देउलिअसुण्णगेहमाईणि पाओगमणुण्णवणा वियालणे तस्स परिकहणा (२३३) सिंगक्खोडे कलहो ठाणं पुण नेव होइ चलणेसुं अहिठाणि पोट्ट रोगो पुच्छमिय फेडणंजाण (२३४) मुहमूलंभिय चारी सिरेय कउहे य पूयसककारो खंधे पट्ठीऍ भरो पोट्टमि य धावओ वसहो (२३५) उद्देसणुपुब्बीए बुन्नत्यं पेहमाणिणो दोसा जे प गुणा पढमाएते वाघायंमि सेसासु (२३६) पउरत्र परण पढमा बीयाए भत्तपाण न लहंति तइआ उवगरणहरी नत्विचउत्यीइ सज्झाओ (२३५) पंचमिआए संखडि छडीइ गणस्स भेवणं जाण सत्तमिआ गेलत्रं मरणं पुण अट्ठमी विंति (२३८) बुद्धीए पुव्यमुहं वसहमिओ गंतु उत्तरे पासे एवं पुव्युत्तरओ वसहि गिण्हिन निद्दोसं (२३९) रुइए महथंडिल्लं पहिज्जा चोयगो मणइ एवं ठायंतश्चिय तुझय अमंगलं कुव्वहा भंते (२४०) आहायरिओ लोए नगरनिवेसंमि पढमवत्युंभि सीयाणं पेहिजइ न य दिलु तं अमंगलयं (२४१) दिसा अवरदक्षिणा दक्खिणाय अवराय दक्खिणापुब्बा अवरुत्तराय पुव्या उत्तरपुबुत्तराचेव (२४२) उठ्ठिकमेणासि पदम पिलेहिऊण वाघाए बीयं पडिलहिज्जा एवं उद्देसओऽहाणी (२४३) दवे तणडगलाई अच्छपभाणाइयोवणा खेत्ते काले उच्चाराई भावेण गिलाणकूरुवमा (२४४) जाव गुरूण य तुझय केवइया तत्य सागरेणुवमा केवइकालेणेहिह सागार ठवंति अन्नेवि (२४५) पुबुद्दिष्टे इच्छइ आइव भणिजा हवंतु एवइया तत्य न कप्पइ वासो असई खेत्ताणऽणुत्राओ (२४६) सक्कारो सम्माणोभिक्खग्गहणंच होइ पाहुणए जइ जाणउ वसइ तर्हि साहम्पिअयच्छलाऽऽणाई (२४७) जइ तित्रि सबगमणं एसुन एसुत्ति दोसुविय दोसा अण्णपहेणऽगुणंता निययावासोऽहमा गुरुणो ||९|| प.. ||१०||प.-10 ॥११॥१.-11 ||१२॥प.-12 ॥७८ मा.-78 ॥१५४||-153 ११५५||-154 ||१५६||-155 ||१७||-156 For Private And Personal Use Only
SR No.009770
Book TitleAgam 41A Pindnujjutt Mulsutt 02A Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages78
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 41, & agam_oghniryukti
File Size2 MB
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