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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पप३ गुणा, एतेसि णं भंते एगसमयठितीयाणं संखेजसमयठितीयाणं असंखेजसमयठितीयाण य पोग्गलाण दब्वट्ठयाए पदेसठ्ठपाए पव्वट्ठ-पदेसट्टयाए कतरे कतरेहितो अप्पा घा० गोयमा सबत्योवा एगसमयठितीया पोग्गला दब्वट्ठयाए, संखेजसपठितीया पोग्गला दबट्ठयाएसंखेनगुणा असंखेजसमयठितीया पोग्गला दबट्ठयाए असंखेनगुणा, पदेसट्टयाए-सव्यत्योवा एगसमयठितीया पोग्गलाअपदेसट्ठयाए, संखेज्जसमयठितीयापोग्गलापदेसट्टयाएसंखेनगुणा असंखेजसमयठितीया पोग्गला पदेसट्टयाएअसंखेञ्जगुणा, दबट्ट-पदेसट्टयाए-सव्वत्थोवा एगसमयठितीया पोग्गला-दव्वट्ठ-अपदेसट्टयाए संखेनसमयठितीयापोग्गलादव्वट्ठयाएसंखेनगुणा ते चेव पदेसट्टयाए संखेनगुणा असंखेजसमयठितीया पोग्गला दवट्टयाए असंखेजगुणा ते चेव पदेसट्टयाए असंखेनगुणा, एतेसि णं भंते एगगुणकालगाणं संखेज्जगुणकालगाणं असंखेनगुणकालगाणं अनंतगुणकालगाणं य पोग्गलाणं दव्यद्वयाए पदेसट्टयाए दव्य-पदेसट्टयाए कतरे कतरेहितो अप्पा चा० गोयमा जहा परमाणुपोग्गला तहाभाणितच्या एवं संखेजगुणकालयाणवि, एवं सेसा वि वण्णा गंधा रसा भाणितव्वा फासाणं कक्खड़-मउय-गरुय-लहुयाणं जहा एगपदेसोगाढाणं भणति तहा पाणितबं अवसेसा फासाजहा वण्णा मणिता तहा माणितव्वा|१२|-02 -: सत्ता ची स ह मंदारं :(२९७) अह भंते सव्वजीवप्पबहुं महादंडयं वतइस्सामि-सव्वत्थोवा गमक्कंतिया मणुस्सा, मणुस्सीओसंखेनगुणाओ वादरतेउक्काइयापञ्जत्तयाअसंखेनगुणा अनुत्तरोववाइयादेवा असंखेज्जगुणा उदरिमगेवेजगादेवा संखेज्जगुणा मझिगेवेजगा देवा संखेनगुणा हेछिमगेवेनगा देवा संखेजगुणा, अच्चुते कप्पे देवासंखेनगुणा आरणे कप्पे देवासंखेनगुणा पाणए कप्पे देवासंखेनगुणा आणएकप्पे देवासंखेज्जगुणा अधेसत्तमाए पुढवीए नेरइयाअसंखेनगुणा छट्ठीए तपाए पुढवीए नेरइयाअसंखेजगुणा सहस्सारे कप्पे देवाअसंखेनगुणा महासुक्के कप्पे देवााअसंखेजगुणा पंचमाए धूमप्पभाए पुढवीए नेरइयाअसंखेनगुणा संतए कप्पे देवाअसंखेजगुणा चउत्थीए पंकप्पभाए पुढवीएनेरइयाअसंखेनगुणा बंमलोए कप्पे देवाअसंखेजगुणा तच्चाए वानुयप्पमाए पुढवीए नेर- इया असंखेनगुणा माहिंदे कप्पे देवाअसंखेज्जगुणा सणंकुमारे कप्पे देवाअसंखेज्जगुणा दोघाए सक्करप्पमाए पुढवीए नेरइयाअसंखेनगुणा सम्मुच्छिममणुस्साअसंखेनगुणा ईसाणे कप्पे देवा असंखेजगुणा ईसाणे कप्पे देवीओसंखेनगुणाओ सोहम्मे कप्पेदेवासंखेनगुणा सोहम्मेकप्पे देवीओसंखेजगुणाओ भवणवासी देवाअसंखेनगुणा भवणवासिणीओ देवीओसंखेनगुणाओ इमीसे रयणप्पभाएपुढवीए नेरइयाअसंखेजगुणा खहयरपंचेदियतिरिक्खजोणियापुरिस असंखेजगुणा खहयरपंचेंदियतिरिक्खजोगिणीओसंखेजगुणाओ थलयरपंचेदियतिरिक्खजोणिया पुरिसा संखेनगुणा थलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिणीओ संखेनगुणाओ जलयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया पुरिसा संखेजगुणा जलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिणीओ संखेज्जगुणाओ वाणमंतरा देवासंखेनगुणा वाणमंतरीओदेवीओसंखेनगुणाओ जोइसियादेवासंखेनगुणाजोइसिणीओ देवीओसंखेनगुणाओ खहयरपंचेदियतिरिक्खजोणियानपुंसयासंखेनगुणा थलयरपंचेदियतिरिक्खजोणियानपुंसया संखेनगुणाजलयरपंवेदियतिरिक्खजोणियानपुंसयासंखेनगुणा चरिदियाएझत्तयासंखेनगुणा पंचेंदियपज्जत्तयाविसेसाहिया बेइंदियापजत्तयाविसेसाहिया तेइंदियापञ्जत्तयाविसेसाहिया पंचिंदियअपजत्तयाअसंखेनगुणा चरिदियाअपञ्जत्तयाविसेसाहिया तेइंदियाअपञ्जत्तया विसेसाहिया For Private And Personal Use Only
SR No.009741
Book TitleAgam 15 Pannavana Uvangsutt 04 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages210
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 15, & agam_pragyapana
File Size4 MB
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