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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १८ पनवणा-9111१६५ - - (१६५) से तं खहयरपंचेदियतिरिक्खजोणिया से तं पंचेदियतिरिक्खजोणिया से तं तिरिक्खजोणिया।३६-38 (१५६) से किं तं मणुस्सा -दुविहा पत्रत्ता तं जहा-समुच्छिममणुस्सा य गमवककंतियमणुस्सा य, से किं तं सम्मुच्छिमणुस्सा, कहिणं भंते समुच्छिममणुस्सा सम्मुच्छंति गोयमा अंतोमणुस्सखेत्ते पणतालीसाए जोयणसयसहस्सेसु अड्ढाइजेसु दीव-समुद्देसु पनरससु कम्मममीसु तीसाए अकम्मभूमीसु छप्पण्णाए अंतरदीवएसु गमवक्कंतियमणुस्साणं चैव उचारेसु वा पासवणेसु वा खेलेसु वा सिंघाणेसु वा वंतेसु वा पित्तेसु वा पूएसु वा सोणिएसु वा सुक्केसु वा सुक्कपोग्गलपरिसाडेसु वा विगतजीवकलेवरेसु वा थी-पुरिससंजोएसु वा नगरनिद्धमणेसु वा सव्वेसुदेवअसुइएसुठाणेसु एत्यणं समुच्छिममणुस्सा सम्मुच्छति अंगुलस्सअसंखेनइभागमेत्तीए ओगाहणाए असण्णी मिच्छद्दिवी अन्नाणी सव्वाहिं पजत्तीहिं अपञ्जत्तगा अंतोमुहुत्ताउया चेव कालं करेति सेत्तं सम्मुच्छिममणुस्सा, से किंतं गमवक्कंतियमणुस्सा तिविहा पत्रत्तातंजहा-कम्मभूमगा अकम्पभूमगा अंतरदीवगा से किं तं अंदरदीवया, अंतरदीवया अट्ठावीसतिदिहा पन्नत्ता तं जहाएगोरुया आमासिया वेसाणिया णंगोली हयकण्णा गयकण्णा गोकण्णा सक्कुलिकण्णा आयंसमुहा मेंढपमुहा अयोमुहा गोमुहा आसमुहा हत्यिमुहा सीहमुहा दग्धमुहा आसकण्णा सीहकण्णा अकण्णा कपणपाउरणा उक्कापुहा मेहमुहा विजुमुहा विजुदंता घणदंता लहदंता गूढदंता सुद्धदंता से तं अंतरदीवगा, से किं तं अकम्मभूमगा-तीसतिविहा पनत्ता तं जहा-पंचहिहेमवएहि पंचहिं हिरण्णवएहिं पंचहिं हरिवासेहिं पंचहिं रामगवासेहिं पंचहिं देवकुरुर्हि पंचहि उत्तरकुरूहिं से तं कम्मभूमगा, से किंतं कम्मभूमगा-पत्ररसविहा पन्नत्ता तंजहा-पंचहिंभरहेहिं पंचहिं एरवतेहिं पंचहिं महाविदेहेहिं ते समासतो दुविहा पत्रत्ता तं जहा-आरिया य मिलक्खू य, से किं तं मिलक्खूअनेगरिहा पन्नत्ता तं जहा-सगा जवणा चिवाया सबर बब्बर काय मुरुंड उह भडग निष्णग पक्कणिय कुलक्ख गोड सिंहल पारस गोघ कोंच दमिल चिल्लल पिलिंद हारोस डोंब धोककाणं गंधाहारग बहलिय अज्जल रोम पास पउसा मलया य चुचुया य सूयलि कोंकणग मेय पल्हव माल मग्गर आमासिय नकक चीणा ल्हसिय खस खासिय नेद्दर मोंढ डोबिलग लउस बउस केककया अरवागा हूण रोमग भव मल्य चिलायाविसयवासी य एवमादी से तं मिलक्खू, से किं तं आरियादुविहा पन्नत्ता तंजहा-इड्ढिपत्तारिया य अणिढिपत्तारिया य, से किं तं इढिपत्तारिया-छब्बिहा पत्रत्तातं जहा-अरहंता चक्कवट्टी बलदेवा वासुदेवा चारणा विजाहरासेतं इढिपत्तारिया,से किं त अणिढिपत्तारिया अणिढिपत्तारिया नवविहा पन्नत्ता तं जहा-खेत्तारिया जातिआरिया कुलारिया कमारिया सिप्पारिया मासारिया नाणारिया दंसणारिया चरित्तारिया, से किं तं खेत्तारिया अद्धछव्वीसतिवहा पन्नत्ता तंजहा।३७-१1-37-1 (१८७) रायगिह मगह चंपाअंगा तह तामलित्ति वंगा य कंचणपुरं कलिंगा वाणारसि चेव कासीय ॥११३||-108 (१६८) साएय कोसला गयपुरं च कुरुसोरिय कुसहाय कंपिल्लं पंचाला अहिछत्ता जंगलाचेव ॥११४||-109 (१६९) दारवती य सुरट्ठा मिहिल विदेहाय यच्छ कोसंबी नंदिपुरं संडिल्ला महिलपुरमेव मलया य 119१५11-110 For Private And Personal Use Only
SR No.009741
Book TitleAgam 15 Pannavana Uvangsutt 04 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages210
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 15, & agam_pragyapana
File Size4 MB
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