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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra पद-१ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कसायरसपरिणता ते वण्णओ कालवण्णपरिणता वि जाव सुक्किलवण्णपरिणता वि गंधओ सुमिगंधपरिणता वि दुमिगंधपरिणता वि फासओ कक्खडफासपरिणता वि जाव तुक्खफासपरिणता विटाणओ परिमंडलसंठाणपरिणता वि जाव आयतसंठाणपरिणता वि जे रसओ अंबिलरसपरिणता ते वण्णओ कालवण्णपरिणता वि जाव सुक्किलवण्णपरिणता वि गंधओ सुब्भिगंधपरिणता विदुभिगंधपरिणता वि फासओ कक्खडफासपरिणता वि जाव लुक्खफासपरिणता वि संठाणओ परिमंडलसंठाणपरिणता वि जाव आयतसंठाणपरिणता वि जे एसओ महुररसपरिणता ते चण्णओ कालवण्णपरिणता वि जाच सुक्किलवण्णपरिणता वि गंधतो सुटिंपगंधपरिणता विदुभिगंध परिणता वि फासतो कक्खडफासपरिणता विजाच लुक्खफासपरिमता वि लसंठाणतो परिमंडल संठाणपरिणता वि जाव आयतसंठाणपरिणता वि जे फासतो कक्खडफासपरिणता ते वण्णओ कालवण्णपरिणता वि जाच सुक्कििलवण्णपरिणता वि गंधओ सुमिगंधपरिणता वि दुभिगंधपरिणता वि रसओ तित्तरसपरिणता वि जाव महुर रसपरिणता वि फासतो गयफास जाव लुक्ख फास परिणता वि संठाणओ परिमंडल संठाण परिणतावि जाव आयतसंठाण परिणता वि जे फासतो मउयफासपरिणता ते वण्णतो कालवण्णपरिणता वि जाव सुकिलवण्णपरिणयावि गंधओ सुपिगंध परिणता वि दुष्मिगंधपरिणता वि रसओ तित्तरसपरिणता वि जाब महुररसपरिणता वि फासओ गरुयफासपरिणया वि जाब लुक्खफासपरिणता विसंठाणओ परिमंडलसंठाणपरिणया वि जाव आयतसंठाणपरिणया वि जे फासतो गरुयफासपरिणता ते वण्णतो कालवण्णपरिणता वि जाव सुकिकलवण्णपरिणता वि गंधओ सुभिगंधपरिणता वि दुब्मिगंधपरणता वि रसओ तित्तरसपरिणता वि जाव महुररसपरिणता वि फासओ करखडफासपरिणता वि जाव लुक्खफासपरिणता वि संठाणओ परिमंडलसंटाणपरिणता विजाय आयतसंठाणपरिणता वि जे फासतो लहुवफासपरिमता ते वण्णओ कालवण्णपरिणता वि जाय सुक्किलवण्णपरिणता वि गंधओ सुम्मिगंधपरिणता वि दुब्भिगंघपरिणता वि रसओ तित्तरसपरिणता विजाय महुररसपरिणता वि फासतो कक्खडफासपरिणता वि जाब लुक्खफासपरिणया वि संठाणतो परिमंडलसंठाणपरिणया वि जाव आयतसंठाणपरिणया वि जे फासतो सीयफासपरिणता ते दण्णतो कालवण्णपरिणता वि जाव सुक्किलवण्णपरिणता वि गंधतो सुभिगंधपरिणता विदुभिगंध परिणता वि रसओ तित्तरसपरिणता वि जाव महुररसपरिणता वि फासओ कक्खडफासपरिणता वि जाव लुक्खफासपरिणता वि संठाण ओ परिमंडलसंठाणपरिणता वि जाव आयतसंठाणपरिणता वि जे फासतो उसिणफासपरिणता ते वण्णतो कालवण्णपरिणता वि जाव सुक्किलवण्णपरिणता वि गंधतो सुभिगंधपरिणता वि दुभिगंधपरिणता वि रसतो तित्तरसपरिणया वि जाव महुररसपरिणता वि फासतो कक्खडफासपरिणता वि जाच लुक्खफासपरणिता वि संठाणतो परिमंडलसंठाणपरिणता वि जाव आयतसंठाणपरिणता वि, जे फासतो निद्धफासपरिणता ते वण्णती कालवण्णपरिणता वि जाव सुक्किलदण्णपरिणता वि गंधतो सुमि गंधपरिणता विदुभिगंधपरिणता वि रसतो तित्तरसपरिणता वि जाव महुररसपरिणता वि फासतो कक्खडफासपरिणता विजाव उसिणफासपरिणता वि संठाणतो परिमंडलसंठाणपरिणता विजाव आयतसंठाणपरिणता वि जे फासतो लुक्खफासपरिणता ते वण्णतो कालवण्णपरिणता वि जाव सुक्किल वण्ण परिणता वि, गंधओ सुभिगंध परिणता वि दुमिगंध परिणता वि रसओ For Private And Personal Use Only
SR No.009741
Book TitleAgam 15 Pannavana Uvangsutt 04 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages210
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 15, & agam_pragyapana
File Size4 MB
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