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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १२७ पय-१७, उदेसो-२ एगिदियओहियाणं येइंदिय-तेइंदिय-घउरिदियाणं जहा तेउइक्काइयाणं, एतेसि णं भंते पंचेदियतिरिक्खजोणियाणं कण्हलेस्साणंजाय सुक्कलेस्साणय कतरे कतरेहिंतो अप्पा वा० गोयमा जहा ओहियाणं तिरिक्खजोणियाणं नवरं-काउलेस्सा असंखेजगुणा, सम्मुच्छिमपंचेदियतिरिक्खजोणियाणं जहा तेउल्काइयाणं गमवक्कंतियपंचेदियतिरिक्खजोणियाणं जहा ओहियाणं तिरिक्खजोणियाणं नवरं काउलेस्सा संखेनगुणाएवं तिरिस्खजोणिणीण वि, एतेसिणंभंते सम्मुच्छिमपंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं गमवक्कंतियपंचेंदियतिरिक्खजोणियाण य कण्हलेस्साणं जाव सुक्कलेस्साण य कतरे कतरेहितो अप्पा वा० गोयमा सव्वत्योवा गमवक्कंतियपंचेंदियतिरिक्तजोणिया सुक्कलेस्सा, पम्हलेस्सासंखेनगुणा तेउलेस्सासंखेनगुणा काउलेस्सासंखेनगुणा नीललेस्साविसेसाहिया कण्हलेस्साविसेसाहिया काउलेस्सा सम्मुच्छिमपंचेंदियतिरिक्खजोणियाअसंखेनगुणा नीललेस्सायिसेसाहिया कण्हलेस्साविसेसाहिया, एतेसिणं भंते सम्मुच्छिमपंचेदियतिरिखजोणियाणं तिरिस्खजोणिणीण य कहलेस्साणं जाव सुक्कलेस्साण व कतरे कतरेहितो अप्पा वा० गोयमा जहेव पंचमं तहा इमं पिछड़े भाणियब्वं, एतेसि णं भंते गमवक्कंतियपंचेंदेियतिरिक्खजोणियाणं तिरिक्खजोणिणीण य कण्हलेस्साणं जाव सुक्कलेस्साण य कतरे कतरेहितो अप्पा वा० पोयमा सव्वत्योवा गमवक्कंतियपंचेंदियतिरिक्खजोणियासुक्कलेस्सा, सुक्कलेस्साओ तिरिक्खजोगिणीओ संखेनगुणाओ पम्हलेस्सा गम्भवक्कंतियपंचेंदियतिरिक्खजोणियासंखेज्जगुणा पम्हलेस्साओ तिरिक्खजोणिणीओसंखेनगुणाओ तेउलेस्सा० संखेनगुणा तेउलेस्साओ० संखेज्जगुणाओ काउलेस्सा० संखेनगुणा नीललेस्सा० विसेसाहिया कण्हलेस्सा० विसेसाहिया काउलेस्साओ० संखेनगुणाओ नीललेस्साओ० विसेसाहियाओ कण्हलेस्साओ० विसेसाहियाओ, एतेसिणं भंते सम्मुच्छिमपंचेदियतिरिक्खजोणियाणं गब्भवतियपंचेदियतिरिक्खजोणियाणं तिरिक्खजोणिणीण य कण्हलेस्साणं जाव सुक्कलेस्साण य कतरे कतरेहितो अप्पा वा० वा गोयमा सव्यस्थोवा गब्मवर्कतियपंचेंदियतिरिक्खजोणिया सुकलेस्सा सुक्कलेस्साओ, तिरिक्खजोणिणीओसंखेनगुणाओ पम्हलेस्सा गब्भयकंतियपंचेदियतिरिक्खजोणियासंखेनगुणा पम्हलेस्साओ तिरिक्खजोणिणीओसंखेज्जगुणाओ तेउलेस्सा गब्भवक्कंतियपंदेयतिरिक्खजोणिया संखेनगुणा तेउलेस्साओ तिरिक्खजोणिणीओसंखेजगुणाओ काउलेस्सा तिरिक्खजोणिया संखेज्जगणा नीललेस्साविसेसाहिया कण्हलेस्साविसेसाहिया काउलेस्साओसंखेनगुणाओ नीललेस्साओविसेसाहियाओ कण्हलेस्साओविसेसाहियाओ काउलेस्सा सम्मुच्छिमपंचेदियतिरिक्खजोणिया असंखेनगुणा नीललेस्साविसेसाहिया कण्हलेस्साविसेसाहिया, एतेसि णं मंते पंचेदियतिरिक्खजोणियाणं तिरिक्खजोणिणीण य कण्हलेस्साणं जाव सुक्कलेस्साण य कतरे कतरेहितो अप्पा या० गोयमा सव्वत्योदा पंचेदियतिरिक्खजोणिया सुक्कलेस्सा, सुक्कलेस्साओसंखेनगुणाओ पम्हलेस्सासंखेनगुणा पम्हलेस्साओसंखेज्जगुणाओ तेउलेस्सासंखेनगुणा तेउलेस्साओसंखेनगुणाओ काउलेस्साओसंखेनगुणाओ नीललेस्साओ विसेसाहियाओ कण्हलेस्साओविसेसाहियाओ काउलेस्साअसंखेजगणा नीललेस्साविसेसाहिया कण्हलेस्साविसेसाहिया, एतेसिणं भंते तिरिक्खजोणियाणं तिरिक्खजोणीणीण य कण्हलेस्साणं जाव सुक्कलेसाणंय कतरे कतरेहितो अप्पा वा० गोयमा जहेव नवमं अप्पाबहुगं तहा इमं पि नवरं-काउलेस्सा तिरिक्खजोणियाअनंतगुणा एवंएते दसअप्पाबहुगा तिरिक्खजोणियाणं ।२१८1-218 For Private And Personal Use Only
SR No.009741
Book TitleAgam 15 Pannavana Uvangsutt 04 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages210
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 15, & agam_pragyapana
File Size4 MB
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