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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पप- १५, उदेसो-२ ११३ उयओगद्धाए जहण्णुककोसियाए उववओगद्धाए कतरे कतरेहिंतो अप्पा या बहुया वा तुल्ला या विसेसाहिया का गोयमा सव्वत्योवा चक्खिदियस्स जहणिया उव ओगद्धा, सोइंदियस्सजहण्णियाविसेसाहिया, घाणिदियस्सजहण्णियाउवओगद्धाविसेसाहियाजिब्मिदियरसजहण्णियाउय ओगद्धाविसेसाहिया फार्सेदियस्सजहण्णियाउय ओगद्धाविसेसाहिया, उक्कोसियाए उवओगद्धाए सच्चत्थोवा चक्खिदियस्सउकोसियाउवओगद्धा सोइंदियस्स उक्कोसियाउद ओगद्धाविसेसाहिया धाणिदियस्सउक्कोसियाउवओगद्धा विसेसाहिया जिम्मिदियस्स उक्कोसियाउवओगद्धाविसेसाहिया फासेंदियस्स उक्कोसिया उव ओगद्धाविसेसाहिया, जहण्णुक्कोसियाए उनओगद्धाए सव्वत्योवा चक्खिदियस्सजहण्णियाउवओगद्धा, सोइंदियस्स जहण्णियाउवओगद्धा-विसेसाहिया धाणिंदियस्स जहण्णियाउवओगद्धा विसेसाहिया जिम्मिदियस्स जहण्णियाउद ओगद्धाविसेसाहिया फासेंदियस्स जहणियाउव ओगद्धाविसेसाहिया फासेंदियम्स जहण्णियाहिंतो उवओगद्धाहिंतोचक्खिदियस्सउक्कोसिया उवओगद्धाविसेसाहिया, सोइंदियस्स उक्कोसियाउवओगद्धाविसेसाहिया, धाणिदियस्स उक्कोसियाउव ओगद्धाविसेसाहिया, जिम्मिदियस्तउक्कोसियाउवओगद्धाविसेसाहिया फासेदियस्स उक्कोसिया उचओगद्धा विसेसाहिया, कतिविहाणं मंते इंदियओपाहणा पत्रत्ता गोयमा पंचविहा इंदियओगाहणा पत्रत्ता तं जहा- सोइंदिय ओगाहणा जाव फार्सेदियओगाहणा एवं नेरइयाणं जाव वैमाणियाणं नवरं जस्स जइ इंदिया अस्थि । १९९/-199 (४३६) कतिविहे णं मंते इंदियअवाए० गोयमा पंचविहे इंदियअवाए पन्नत्ते तं जहासोइंदिय अवाए जाव फासेदिय अवाए एवं नेरइयाणं जाव वेमाणियाणं नवरं जस्स जत्तिया इंदिया अत्थि, कतिविहाणं भंते ईहा पत्रत्ता गोयमा पंचविहा ईहा० सोइंदियईहा जाव फार्सेदियईहा एवं जाव वैमाणियाणं नवरं जस्स जति इंदिया, कतिविहे णं भंते उग्गहे पनते गोयमा दुविहे उपपहे ० अयोग् य वंजणोग्गहे य, वंजणोग्गहे णं पंते कतिविहे पन्नत्ते गोयमा चउव्विहे पत्रते तं जहासोइंदियवंजणोग्गहे घाणिदियवंजणोग्गहे जिब्भिदियवंजणोग्गहे फासिंदियवंजणोग्गहे अत्थोग्गहे णं मंते कतिविहे पत्ते गोयमा छव्विहे० सोईदियअत्योग्गहे जाय फासिंदियअत्थोग्गहे नोइंदियअत्यो, नेरइयाणं भंते कतिविहे उग्गहे पन्नत्ते गोयमा दुविहे उग्गहे प० अस्थोग्गहे जाव वंजणोग्गहे य एवं असुरकुमाराणं जाव धणियकुमाराणं पुढविकाइयाणं पुच्छा गोयमा दुविहेउग्गहे प० अत्थोग य वंजणोग्गहे य पुढविकाइयाणं मते वंजणोग्गहे पुच्छा गोयमा एगे फासिंदियवंजणोग्गहे पन्नते पुढविकाइयाणं भंते अत्योग्गहे पुच्छा गोयमा एगे फासिंदिय अत्योगहे पनते एवं जाव वणफइकाइयाणं, एवं बेइंदियाण वि नवरं बेइंदियाणं वंजणोग्गहे दुविहे पन्नत्ते अत्थोग्गहे दुविहे पत्रत्ते एवं तेइंदियचउरिदियाणं वि नवरं इंदियपरिवुड्ढी कायव्वा चउरिदियाणं वंजणोग्गले तिविहे अत्थोग्गहे चउब्विहे पत्रत्ते सेसाणं जहा नेरइयाणं जाद वेमाणियाणं |२००/- 200 (४३७) कतिविहा णं मंते इंदिया पत्रत्ता गोयमा दुबिहा पन्नत्ता तं जहा -दबिंदिया य भाविंदिया य कति णं मंते दव्विंदिया पन्नत्ता गोयमा अट्ठ दव्विदिया० दो सोत्ता दो नेत्ता दो घाणा जीहा फासे, नेरइयाणं मंते कति दव्विंदिया पन्नत्ता गोयमा अट्ठ एते चेव एवं असुरकुमाराणं जाव यणियकुमाराण वि, पुढविकाइयाणं पुच्छा गोयमा एगे फासेंदिए पत्ते एवं जाव वणस्सतिकाइयाणं इंद्रियाणं पुच्छा गोयमा दो दबिंदिया पत्रत्ता तं जहा फार्सिदिए य जिम्मिंदिए य, तेइंदियाणं पुच्छा गोयमा चत्तारि दव्वंदिया पत्रत्ता तं जहा दो धाणा जीहा फासे चउरिदियाणं पुच्छा गोयमा छ 15 8 For Private And Personal Use Only
SR No.009741
Book TitleAgam 15 Pannavana Uvangsutt 04 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages210
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 15, & agam_pragyapana
File Size4 MB
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