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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २४ जीवानीवाभिगम - २/-100 हिंतो जाव विसेसाहिया या गोयमा सव्वत्थोवा अनुत्तरोववातियदेवपुरिसा उवरिमगेवेजदेवपुरिसा संखेनगुणा तहेव जाव आणतेकप्पे देवपुरिसा संज्जगुणा अहेसत्तमाए पुढवीए नेरइयनपुंसगा असंखेज्जगुणा छटीए पुढचीए नाइनपुंसगा असंखेनगुणा सहस्सारे कप्पे देवपुरिसा असंखेनगुणा महासुक्के कप्पे देवपुरिसा असंखेनगुणा पंचमाए पुढवीए नेाइनपुंसगा असंखेनगुणा लंतएकप्पे देवपुरिसा असंखेनगुणा चउत्योए पुढवीए नेरइया असंखेनगुणा बंभलोएकप्पे देवपुरिसा असंखेनगुणा तच्चाए पुढयीए नेरइयनपुंसगा असंखेजगुणा माहिंदेकप्पे देवपुरिसा असंखेनगुणा सणकुमारेकपे देवपुरिसा असंखेनगुणा दोघाएपुढवीए नेरइया असंखेज्जगुणा ईसाणेकप्पे देवपुरिसा असंखेनगुणा ईसाणेकप्पे देवित्थियाओ संखेनगुणाओ सोधम्मेकप्पे देवपुरिसा संखेनगुणा सोधमेकप्पे देवित्यियाओ संखेजगुणाओ भवणवासिदेवपुरिसाअसंखेनगुणा भवणवासिदेविस्थियाओ संखेज्जगुणाओ इसीसे रयणपपापुदवीए नेरइया असंखेनगुणा वाणमंतरदेवपुरिसा असंखेजगुणा वाणमंतरदेविस्थियाओ संर्खजगुगाओ जोतिसियदेवपुरिसा संखेनगुणा जोतिसियदेविस्थियाओ संखेनगुणाओ, एतासि णं भंते तिरिक्खजोणित्थीणं जलयरीणं थलयरीणं खहयरीणं तिरिक्खजोणियपुरिसाणं-जलयराणं यलयराणं खहयराणं तिरिक्खजोणियनपुंसगाणं एगिदियतिरिक्खजोणियनपुंसगाणं- पुढविक्काइएगिदियतिरिक्खजोणियनपुंसगाणं आउक्कायएगिदियतिरिक्खजोणियनपुंसगाणं जाव वणस्सतिकाइयएगिदियतिरिक्खजोणियनपुंसगाणं येइंदियतिरिक्खजोणियनएंसगाणं जाव पंचेदियतिरिक्खजोणियनपुंसगाणं-जलयराणं थलयराणं खहयराणं मणुस्सि- स्थीणं-कम्मभूमियाणं अकम्मभूमियाणं अंतरदीवियाणं मणुस्सपुरिसाणं-कम्मभूमगाणं अकम- भूमगाणं अंतरदीवगाणं मणुस्सनपुंसगाणं-कम्मभूमगाणं अकम्मभूमगाणं अंतरदीवगाणं देवि-त्थीणं-भवणवासिणीणं वाणमंतरीणं जोतिसिणीणं वेमाणिणीणं देवपुरिसाणं-भवणवासीणं वाण-मंतराणं जोतिसियाणं वेमापियाणं सोधम्मकाणं जाव गेवेजकाणं अनुत्तरोववातियाणं नेरइयन- पुंसगाणं-रवणप्पभापुढवि जाव अहेसत्तमपुढविनेरइयनपुंसगाणं य कतरे कतरेर्हितो जाव विसेसाहिया वा गोयमा अंतरदीवगअकम्मभूमिगमणुस्सित्यीओ मणुस्सपुरिसा य एते गं दोवि तुल्ला सव्वत्योचा देवकुरुउत्तरकुरुअकम्मभूमगणुस्सित्थीओ पुरिसा य एते णं दोवि तुल्ला संखेनगुणा एवं हरिवासरम्मगवासअकम्मभूमिगमणुस्सित्थीओ एवं हेमवतहेरण्णवय भरहेरवयकम्मभूमगमणुस्सपरिसा दोवि संखेनगुणा भरहेरवतकम्मभूमिगमणुस्सित्थीओ दोवि संखेजगणाओ पव्वविदेहअवरविदेहकम्मभूमगमणुस्सपुरिसा दोवि संखेनगुणा पुग्विविदेहअवरविदेहकम्मभूमिगमणुसिस्थियाओ दोवि संखेनगुणाओ अनुत्तरोववातियदेवपुरिसा असंखेनगुणा उवरिमगेवेचा देवपुरिसा संखेनगुणा जाव आणत्तेकप्पे देवपुरिसा संखेनगुणा अधेसत्तमाएपुढचीए नेरइयनपुंसगा असंखेजगुणा छट्ठीएपुढवीए नेरइयनपुंसगा असंखेजगुणा सहस्सारेकप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा महासुक्केकप्पे देवपुरिसा असंखेजगुणापंचभाए पुढवीए नेरइयनपुंसगा असंखेजगुणा लंतए कपणे देवपुरिसा असंखेजगुणा चउत्थीए पुढवीए नेरइयनपुंसगा असंखेजगुणा बंभलोए कप्पे देवपुरिसा असंखेनगुणा तच्चाए पुढवीए नेरइयनपुंसगा असंखेनगुणा माहिंदेकप्पे देवपुरिसा असंखेनगुणा सर्णकुमारेकप्पे देवपुरिसा असंखेनगुणा दोच्चाएपुढवीए नेरइयनपुंसगा असंखेनगुणा अंतरदीयगअकम्मभूमगमणुस्सनपुंसगा असंखेनगुणा देवकुरुउत्तरकुरुअकम्मभूमगमणुस्सनपुंसगा दोवि For Private And Personal Use Only
SR No.009740
Book TitleAgam 14 Jivajivabhigama Uvangsutt 03 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages162
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 14, & agam_jivajivabhigam
File Size3 MB
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