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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सतं - २९, उद्देसो-२ ४७३ से तेण णं तं चेव, सलेस्सा णं भंते अनंतरोववन्नगा नेरइया पावं एवं चेव एवं जाव अणागारोवउत्ता एवं असुरकुमारा वि एवं जाव वैमाणिया नवरं जं जस्स अत्थि तं तस्स भाणियव्वं एवं नाणावरणिज्रेण वि दंडओ एवं निरवसेसं जाव अंतराइएणं सेवं भंते सेवं भंते ति जाव विहरइ १८२४-११-824-1 एगणतीसहमे सते बीओ उद्देसो सफ्तो● -: उ द्दे सो-३-११ : (९९७) एवं एएणं गमएणं जच्चेवं बंधिसए उद्देसगपरिवाडी सच्चेव इह वि भागियव्वा जाव चरिमो त्ति अनंतरउद्देसगाणं चउण्ड वि एक्का वत्तव्वया सेसाणं सत्तण्डं एक्का ॥ ८२४1-823 • एगुणतीसइमे सते ३-११ उद्देसा समत्ता एगुणतीसइमं सतं समत्तं । तीसइमं - सतं - मोउ द्दे सो : (९९८) कइ णं भंते समोसरणा पन्नत्ता गोयमा चत्तारि समोसरणा पन्नत्ता तं जहाकिरियावादी अकिरियावादी अण्णाणियवादी वेणइयवादी, जीवा णं भंते किं किरियावादी अकिरियावादी अण्णाणियवादी वेणइयवादी गोयमा जीवा किरियाबादी वि अकिरियावादी वि अण्णाणियवादी व वेणइयवादी वि, सलेस्सा णं भंते जीवा किं किरियाबादी - पुच्छा गोवमा किरियावादी वि अकिरियाबादी वि अण्णाणियवादी वि वेणइयवादी वि एवं जाय सुक्कलेस्सा अलेस्साणं पंते जीवा -पुच्छा गोयमा किरियाबादी नो अकिरियावादी नो अण्णाणियवादी नो वेणइयवादी, कण्हपक्खिया णं भंते जीवा किं किरियावादी - पुच्छा गोयमा नो किरियाबादी अकिरियावादी अण्णाणियावादी वि वेणइयवादी वि सुक्कपक्खिया जहा सलेस्सा सम्पदिट्ठी जहा अमिच्छादिट्टी जहा कण्हपक्खिया, सम्मामिच्छादिट्ठी णं पुच्छा गोयमा नो किरियाबादी नो अकिरियावादी अण्णाणियावादी वि वेणयइवादी वि नाणी जाव केवलनाणी जहा अलेस्से अण्णाणी जाव विभंगनाणी जहा कण्हपक्खिया आहारसण्णोवउत्ता जाव परिग्गहसण्णोवउत्ता जहा सलेस्सा नोसण्णोवउत्ता जहा अलेस्सा सवेदगा जाव नपुंसगवेदगा जहा सलेस्सा अवेदगा जहा अलेस्सा सकसायी जाव लोभकसायी जहा सलेस्सा अकलायी जहा अलेस्सा सजोगी जाव कायजोगी जहा सलेस्सा अजोगी जहा अलेस्सा सागरोवउत्ता अणागारोवउत्ता जहा सलेस्सा नेरइयाणं भंते किं किरियावादी- पुच्छा गोयमा क्रिरियावादी वि जाव वेणइयवादी वि सलेस्सा णं भंते नेरइया किं किरियावादी एवं चेव एवं जाव काउलेस्सा कण्हपक्खिया किरियाविवज्जिया एवं एएणं कणं जव जीवाणं वतव्यया सच्चेव नेरइयाणं वि जाय अणागारोवउत्ता नवरं जं अस्थि तं भाणियव्वं सेसं न भण्णति जहा नेरइया एवं जाय थणियकुमारा पुढविकाइया णं मंते किं किरियावादी - पुच्छा गोयमा नो किरियावादी अकिरियावादी वि अण्णाणियवादी वि नो वेणइयवादी एवं पुढविकाइयागं जं अस्थि तत्यण सव्वत्थ वि एयाई दो मज्झिल्लाई समोसरणाई जाब अणगारोवउत्ता वि एवं जाय चउरिंदियाणं सव्वड्डाणेसु एयाई चैव मझिल्लगाई दो समोसरणाई सम्पत्त-नाणेहि वि एवाणि चैव मज्झिल्लगाई दो समोसरणाई पंचिदियतिरिक्खजोगिया जहा जीवा नवरं जं अस्थि तं भाणियव्वं मणुस्सा जहा जीवा तहेव निरवसेसं वाणमंतरजोइसिय-वेमाणिया जहा असुरकुमारा For Private And Personal Use Only
SR No.009731
Book TitleAgam 05 Vivahapannatti Angsutt 05 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages514
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 05, & agam_bhagwati
File Size10 MB
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