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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सतं-२५, उसो-४ वणस्सइकाइयाणं मंते-पुच्छा गोयमा वणस्सइकाइया सिय कडजुम्मा सिय तेयोगा सिव दावरजुम्पा सिय कलियोगा से केपट्टेणं भंते एवं बुच्चइ-वणस्सइकाइया जाय कलियोगा गोयमा उववायं पडुच्च से तेणद्वेणं तं चेव बेइंदियाणं जहा नेरइयाणं एवं जाव वेगाणियाणं सिद्धाणं जहा वणस्सइकाइयाणं कतिविहाणं भंते सव्वदव्या पत्रत्ता गोयया छबिहा सचदव्या पन्नत्ता तं जहाधम्मस्थिकाए अधस्थिकाए जाव अद्धासमए धम्मस्थिकाए णं भंते दव्वट्ठयाए किं कडजुम्मे जाव कलियोगे गोयमा नो कडजुम्मे नो तेयोगे नो दावरजुम्मे कलियोगे एवं अधम्मस्थिकाए वि एवं आगासस्थिकाए वि जीवास्थिकाए णं भंते-पुच्छा गोयमा कडजुमे नो तेयोगे नो दावरजुम्मे नो कलियोगे पोग्गलस्थिकाए णं भंते -पुच्छा गोयमा सिय कडजुम्मे जाव सिय कलियोगे अद्धासमए जहा जीवस्थिकाए धम्पत्थिकाए णं भंते पदेसट्टयाए किं कडजुम्मे-पुच्छा गोयमा कडजुम्मे नो तेयोगे नो दावरजुम्पे नो कलियोगे एवं जाव अद्धासमए एएसिणं भंते धम्मस्थिकाय-अधपस्थिकाय जाव अद्धासमयाणं दव्यठ्ठयाए एएसि णं अप्पाबहुगं जहा बहुवत्तव्ययाए तहेव निरवसेसं धम्मत्थिकाए णं भंते किं ओगाढे अणोगाढ़े गोयमा ओगाढे नो अणोगाढे जइ ओगाढे किं संखेनपदेसोगाढे असंखेजपदेसोगाढे अनंतपदेसोगाढे गोयमा नो संखेज्नपदोसोगाढे असंखेजपदेसोगाढे नो अनंतपदेसोगाढे जइ असंखेनपदेसोगाढे किं कडजुम्मपदेसोगाढे-पुच्छा गोयमा कङजुम्मपदोसोगाढा नो दावरजुम्मपदोसोगाढे नो कलियोगपदोसोगाडे एवं अधम्मस्थिकाए वि एवं आगासस्थिकाए बि जीवस्थिकाए पोग्गलस्थिकाए अद्धासमए एवं चेव इमा णं भंते रयणप्पभा पुढवी किं ओगाढा अणोगाढा जहेब धम्मस्थिकाए एवं जाव अहेसत्तमा सोहम्मे एवं चेव एवं जाव ईसिपमरा पुढवी १७३५1-734 (८८२) जीवे णं भंते दन्चट्ठयाए किं कडजुम्मे-पुच्छा गोयमा नो कङजुम्मे नो तेयोगे नो दावरजुम्मे कलियोगे एवं नेरइए वि एवं जाव सिद्धे जीवा णं भंते दवट्ठयाए किं कडजुम्मा-पुच्छा गोयमाओघादेसेणं कडजुम्मा नो तेवोग नो दावरजुम्मा कलियोगानेरइया णं भंते दव्वट्ठयाए-पुच्छा गोयमा ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाय सिय कलियोगा विहाणादेसेणं नो कडजुम्मा नो तेयोगा नो दावरजुम्मा कलियोगा एवं जाव सिद्धा जीवे णं भंते पदेसट्टयाए किं कडजुम्मे पुच्छा गोयमा जीवपदेसे पड्डुच्च कङजुम्मे नो तेयोगे नो दायरजुम्मे नो कलियोगे सरीरपदेसे पडुन सिय कडजुम्मे जाव सिय कलियोगे एवं जाय वेमाणिए सिद्धे णं भंते पदेसट्टयाए किं कडजुम्मे पुच्छा गोयमा कडजुम्मे नो तेयोगे नो दावरजुम्मे नो कलियोगे जीवा णं भंते पदेसष्टयाए किं कडजुम्मा-पुच्छा गोयमा जीवपदेसे पडुन ओघादेसेण वि विहाणादेसेण वि कडजुम्मा नो तेयोगा नो दावरजुम्मा नो कलियोगा सरीरपदेसो पडुच ओघादेसेणं सिय कडजुम्मा जाय सिय कलियोगा विहाणादेसेणं कडजुम्मा वि जाव कलियोगा वि एवं नेरइया वि एवं जाव येमाणिया सिद्धा णं भंते-पुच्छा गोयमा ओघादेसेणं वि विहाणादेसेण वि कडजुष्मा नो तेयोगा नो दावरजुम्मा नो कलियोगा ७३६/735 (८८३) जीवे णं भंते किं कडजुम्पपदेसोगाढे-पुच्छा गोयमा सिय कडजुम्मपदेसोगाढे जाव सिय कलियोगपदेसोगाढे एवं जाव सिद्धे जीवा भंते किं कडजम्मपदेसोगाढा नो तेयोगपदेसोगाढा नो दावरजुम्मपदेसोगाढा नो कलियोगपदेसोगाढा बिहाणादेसेणं कडजुम्मपदेसोगाढा वि जाव कलियोगपदेसोगाढा वि नेरइयाणं-पुच्छा गोयमा ओघादेसेणं सिय कडजुम्मपदेसोगाढा जाव सिय कलियोगपदेसोगाढा विहाणादेसेणं कडजुम्मपदेसोगाढा विजाव कलियोगपदेसोगाढा For Private And Personal Use Only
SR No.009731
Book TitleAgam 05 Vivahapannatti Angsutt 05 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages514
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 05, & agam_bhagwati
File Size10 MB
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