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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir -11, नहेसो-११ २३७ इमीसे कहाए लढे समाणे हट्टतुढे पहाए कय {बलिकम्मे कयकोउय-मंगल] पायच्छित्ते सव्वालंकारविभूसिए साओ गिहाओ पडिनिक्खमइ पडिनिक्खमित्ता सकोरेंटमल्लदामेणं छत्तेणं घरिजमाणेणं पायविहारचारेणं महयापुरिसवग्गपुरावरिक्खित्ते यामियग्गामं नगरं मन्झंगझेणं निग्गच्छइ निग्गछित्ता जेणेव दूतिपलासे चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता समणं भगवं महावीरं पंचविहेणं अभिगमेणं अभिगच्छइ तं जहा-सचित्ताण दव्वाणं विओसरणयाए जहा उसमदत्तो जाव तिविहाए पजुवाप्तणाए पज्जुवासइ तए णं समणे भगवं महावीरे सुदंसणस्स सेट्टिस्स तीसे य महतिमहालियाए परिसाए धम्मं परिकहेइ जाव आणाए आराहए भवइ तए णं से सुदंसणे सेट्टी समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियं धम्म सोच्चा निसम्म हतुड़े उठाए उठेइ उद्वेत्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो [आयाहिण-पयाहिणं करेइ करेत्ता वंदइ नमंसइ वंदित्ता] नमंसित्ता एवं चयासी-कतिविहे गंभंतेकाले पन्नत्ते सुदंसणा चउविहे काले पत्रत्ते तंजहा-पमाणकाले अहाउनिव्वत्तिकाले मरणकाले अद्धाकाले, से किं तं पमाणकाले पमाणकाले दुविहे पत्रतेतं जहा-दिवसम्पमाणकाले राइप्पपाणकाले य चउपोरिसिए दिवसे चउपोरिसिया राई भवइ ।४२३1-424 (५१५) उक्कोसिया अद्धपंचममुहत्ता दिवसस वा राईए वा पोरिसी भवइ जहणिया तिमहत्ता दिवस्स वा राईए वापोरिसी भवइ जदाणंभंते उककोसिया अद्धपंचमहत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी मबइ तदा णं कतिभागमुहत्तमभागेणं परिहायमाणी-परिहायमाणी जहणिया तिमुहुत्ता दिवसस्स या राईए वा पोरिसी भवइजदा णं जहणिया तिमहत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ तदा णं कतिभागमुहुत्तभागेणं परिवड्ढमाणी-परियड्ढमाणी उक्कोसिया अद्धपंचममुहुत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरसी भवइ सुदंसणा जदा गं उक्कोसिया अद्धपंचमुहुत्ता दिवसस्सवा राईए वा पोरिसी भवइ तदा णं बावीससयभागमुहत्तभागेणं परिहायमाणी-परिहायमाणी जहणिया तिमुहुत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ जदा वा जहणिया तिमुहुत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ तदा णं बावीससयभागमुहुत्तभागेणं परिवड्दमाणी-परिवड्ढमाणी उकोसिया अद्धपंचममुहत्ता दिवसस्स वा राईए या पोरिसी भवइ । कदाणं मंते उककोसिया अद्धपंचमुहत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ कदा वा जहणिया तिमहत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ सुदसणा जदा णं उक्कोसए अद्वारसमुहत्ते दिवसे मवइ जहणिया दुवालसमुहत्ता राई मवइ तदा णं उक्कोसिया अद्धपंचममुहत्ता दिवसस्स पोरिसी पवइ जहणिया तिमुहुत्ता राईए पोरिसी पवइ जदा णं उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्तिया राई मवई जहण्णिए दुवालसमुहुत्ते दिवसे पवइ तदा णं उक्कोसिया अद्धपंचममुहत्ता राईए पोरिसी पवइ जहणिया तिमुहुत्ता दिवसस्स पोरिसी भवइ, कदाणं भंते उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ जहणियादुवालसमुहुत्ताराई मवईकदावा उक्कोसियाअट्ठार-समुहुत्ता राई भवइ जहण्णए दुवालस मुत्ते दिवसे मवइ, सुदंसणा आसाढपुणिमाए उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइजहणिया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ पोसपुण्णिमाएणंउक्कोसियाअट्ठारसमुहत्ता राई भवइ जहण्णए दुवालसमुहत्ते दिवसे भवइ, अस्थिणं भंते दिवसा य राईओ य समाचेव भवंति हता अत्यि, कदाणं भंते दिवसा य राईओ य समावेव भवंति सुदंसणा चेत्ता- सोयपुण्णिमासु एत्य णं दिवसाय राईओय समाचेव भयंति-पन्नरसमुहत्ते दिवसे पन्नरसमुहूत्ता राई भवइ चउभागमुहुन्न For Private And Personal Use Only
SR No.009731
Book TitleAgam 05 Vivahapannatti Angsutt 05 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages514
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 05, & agam_bhagwati
File Size10 MB
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