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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २२२ भगवई - १०/-18/४८८ असुरकुमाररण्णो अण्णेसिं च बहूणं असुरकुमाराणं देवाण य देवीण य अधणिज्जाओ वंदणिज्जाओ नमंसणिज्जाओ पूयणिज्जाओ सकारणिजाओ सम्माणणिजाओ कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं पञ्जुवासणिज्जाओ भवंति से तेणडेणं अजो एवं बुचाइ-नो पभूचमरे असुरिदै असुरकुमारराया चमरचंचाए रायहाणीए सभाए सुहम्माए चमरंसि सिहासणंसि तुडिएणं सद्धिं दिव्वाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहरित्तए पभूणं अजो चमरे असुरिंदे असुरकुमारराया चमरचंदाए रायहाणीए सभाए मुहम्माए चमरंसि सीहासणंसि चउसट्टीए सामाणियसाहस्सीहिं तायत्तीसाए तावत्तीसगेहिं चउहिं लोगपालेहिं पंचहिं अग्गमहिसीहिं सपरिवाराहिं चउसट्ठीए आयरक्खदेवसाहस्सीहिं] अण्णेहि य बहूहि असुरकुमारेहिं देवेहि य देवीहि य सद्धिं संपरिखुड़े महयावय [नट्ट-गीय-वाइय-तंती-तलताल-तुडिय-धणमुइंगपडुप्पवाइयरवेणं दिव्बाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहरितए केवलं परियारिड्ढीए नो चेव णं मेहुणवतियं।४०४।-405 (४८९) चमरस णं भंते असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो सोमस्स महारण्णो कति अगमहिसीओ पत्रताओ अजो चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ तं जहा-कणगा कणगलता चितगुत्ता वसुंधरा तत्य णं एममेगाए देवीए एगमेगं देवीसहस्सं परिवार पत्रत्ते पभूणं ताओ एमामेगा देवी अण्णं एगमेगं देवीसहस्सं परियारं विउवित्तए एवामेव सपुव्वावरेणं चतारि देवीसहस्सा सेत्तं तुडिए पभू णं भंते वमरस्स असुरिदस्स असुरकुमाररण्णो सोमे महाराया सोमाया रायहाणीए सभाए सुहम्माए सोमंति सीहासणंसि तुडीएणं सद्धिं दिव्वाई भोगभोगाई मंजमाणे विहरित्तए अवसेसं जहा चमरस्स नवरं परियारोजहा सूरियाभस्ससेसं तं चेव जाव नो वेवणं मेहुणवतियं चमरस्सणं भंते असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो जमस्स महारण्णो कति अग्गमहिसीओ एवं चेव नवरं-जमाए रायहाणीए सेसं जहा सोमस्स एवं वरुणस्स वि नवरं-वरुणाए रायहाणीए एवं वेसमणस्स वि नवरं-वेसमणाए रायहाणीए सेसं तं चेव जाव नो चेव णं मेहणवतियं बलिस्सणं भंते बहरोयर्णिदस्स-पच्छा अजो पंच अग्गमहिसीओ पनत्ताओ तं जहा-संभा निसंभारंभा निरंभा मदणा तत्थ णं एगमेगाए देवीए अट्ठट्ट देवीसहस्सं परिवारो सेसं जहा चमरस्स नवरं-दलिचंचाए रायहाणीए परियारो जहा मोउद्देसए सेसं तं चेव जाव नो चेवणं मेहुणवतियं बलिस्स णं भंते वइरोयर्णिदस्स वइरोयणरणो सोमस्स महारण्णो कति अगमहिसीओ पत्रत्ताओ अनो चत्तारि अग्गमहिसीओ पत्रताओ तंजहा-मीणगा सुभद्दा विजुया असणी तत्वणं एगमेगाए देवीए एगमेगं देवीसहस्सं परिवारो सेसं जहा चमरसोमस्स एवं जाव वरुणस्स धरणस्स णं भंते नागकुमारिंदस्स नागकुमाररण्णो कति अग्गपहिसीओ पत्रत्ताओ अञो छ आगमहिसीओ पन्नताओ तं जहा-अला सक्का सतेरा सोदामिणी इंदा धणविजुया तत्य णं एगमेगाए देवीए छ-छ देवीसहस्स परिवारो पन्नत्तो पभू णं ताओ एगमेगा देवी अण्णाई छ-छ देविसहस्साई परियारं विउब्बितए एवामेव सपुव्यावरेणं छत्तीसाइं देविसहस्साई सेत्तं तुडिए पभू णं भंते धरणे सेसं तं चेव नवरं-धरणाए रायहाणीए धरणंसि सीहासणंसि सओ परियारो सेसं तं वेव, धरणस्स णं भंते नागकुमारिंदस्स नागकुमाररण्णो कालवालस्स महारप्णो कति अगमहिसीओ पन्नत्ताओ अग्नी चत्तारि अग्गमहि-सीओ पत्रताओतं जहा-असोगा विमला सुप्पमा सुदंसणा तत्थ णं एग्मेगाए देवीए एगमेगं देवीसहस्सं परिवारो अवसेसं जहा चमरलोगपालाणं एवं सेसाणं तिण्ह वि भूयाणंदस्स भंते - पुच्छा अज्जो छ अगमहिसाओ पन्नत्ताओ तं For Private And Personal Use Only
SR No.009731
Book TitleAgam 05 Vivahapannatti Angsutt 05 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages514
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 05, & agam_bhagwati
File Size10 MB
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