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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मह खतं • उद्देसो-२ केवलनाणीण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा गोयमा सव्यत्योवा जीवा मणपञ्जवनाणी ओहिनाणी असंखेनगुणा आभिणियोहियनाणी सुयनाणी दो वि तुल्ला विसेसाहिया केवलनाणी अनंतगुणा एतेसि णं भंते जीवाणं मइअण्णाणीणं सुयअण्णाणीणं विभंगनाणीणं य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा गोयमा सव्वत्थोवा जीवा विभंगनाणी मइअण्णाणी सुयअण्णाणी दो वि तुल्ला अनंतगुणा एतेसिणं भंते जीवाणं आभिणिबोहियनाणीणं सुयनाणीणं ओहिनाणीणं मणपञ्जवनाणीणं केवलनाणीणं पतिअण्णाणंसुयअण्णाजीणं विभंगनाणीणं य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया या तुल्ला या विसेसाहिया वा गोयमा सव्वत्योवा जीवा मणपञ्जवानाणी ओहिनाणी असंखेशगुणा आभिणिवोहियनाणी सुयनाणी य दो वि तुला विसेसाहिया विभंगनाणी असंखेजगुणा केवलनाणी अनंतगुणा मइअण्णाणी सुयअण्णाणी य दो वि तुल्ला अनंतगुणा, केवतिया णं भंते आभिणिबोहिय- नाणपजवा पन्नत्ता गोयमा अनंता आभिणिबोहियनाणपजवा पन्नत्ता केवतिया णं भंते सुयनाणपनया पन्नत्ता एवं चेव एवं जाय केवलनाणस्स एवं मइअण्णाणस्स सुयअण्णाणस्स केवतिया णं भंते विभंगनाणपञ्जवा पत्रता गोयमा अनंता विभंगनाणपजवापन्नत्ता __ एतेसिणं भंते आभिणिबोहियनाणपजवाणं सुयनाणपत्रवाणं ओहिनाणपञवाणं मणपनवनाणपज्जवाणं केवलनाणपजवाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वातुल्ला वा विसेसाहियावा गोयमा सव्वत्योवा मणपज्जवनाणपञ्जा ओहिनागपञ्जवा अनंतगुणा सुयनाणपज्जवा अनंतगुणा आभिणिबोहियनाण पजवा अनंतगुणा केवलनाणपशया अनंतगुणा एएसिणं भंते मइअण्णाणपजवाणं सुयअण्णाणपञ्जवाणं विभंगनाणपज्जयाण य कयरे कयरेहितो अप्पा या बहुया वातुल्लावा विसेसाहिया वा गोयमा सव्वत्योवा विभंगनाणपजवा सुयअण्णाणपज्जया अनंतगुणा मइअण्णाणपजवा अनंतगुणा एएसिणं भंते आभिणिबोहियनाणपजवाणंजाय केवलनाणपजवाणं मइअण्णाणपजवाणं सुयअण्णाणपज्जवाणं, विभंगनाणपज्जयाण य कयरे कयरेहितो अप्पा या बहुया वातुल्ला वा विसेसाहिया वा गोयमा सन्चत्योवा मणपञ्जवनाणपजवा विभंगनाणपजवा अनंतगुणा ओहिनाणपजवा अनंतगुणा सुयअण्णाणपनवा अनंतगुणा सुयनाणपञ्जवा विसेसाहिया मइअन्नणपनवा अनंतगुणा आभिणिबोहियनाणपज्जवा विसेसाहिया केवलनाणपज्जवा अनंतगुणा सेवं भंते सेवं मंतेति।३२२१-323 अहमे सतेजीओ उद्देसो समतो. -: तइओ-उ हे सो:(३९७) कतिविहा णं मंते रूक्खा पन्नत्ता गोयमा तिविहा रूक्खा प.-संखेजजीविया असंखेज्जजीविया अनंतजीविया से किंतं संखेजजीविया संखेज्जजीविया अणेगविहा पन्नत्ता तंजहा ताल तमाले तकलि तेयलि [साले य सालकल्लाणे सरले जावति केयइ कदलि तह चम्मरुक्खे य भुयरूक्ख हिंगुरुक्खे लवंगरुक्खे य होति बोधब्बे पूयफली खज्जूरी बोधव्या नालिएरी य] जे यावण्णे तहप्पगारा सेत्तं संखेज्जजीविया से किं तं असंखेजजीविया असंखेजजीविया दुविहा पन्नत्ता तंजहा-एगडिया य बहुबीयगाय से किंतंएगट्ठिया एगठ्ठिया अणेगविहा पन्नत्तातं जहानिंवंब जंबु [कोसंब साल अंकोल्ल पीलु सेलू य सल्लइ मोयइ मालुय बउल पलासे करंजे य पुत्तंजीवयरिटे बिभेलए हरडए य मल्लाए उंबभरिया खीरिणि बोधव्वे घायइ पियाले पूइयनिंबारग सेण्हा तए सीसवाय For Private And Personal Use Only
SR No.009731
Book TitleAgam 05 Vivahapannatti Angsutt 05 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages514
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 05, & agam_bhagwati
File Size10 MB
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