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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अट्टमं स्तं - जसो १ १४५ जहा - सुहुमपुढविकाइयएगिंदियपयोगपरिणया बादरपुढविकाइयएगिंदियपयोगपरिणया य आउकाइयएगिंदियपयोगपरिणया एवं चैव एवं दुयओ भेदो जाव वणस्सइकाइया य बेइंदियपोगपरिणयाणं पुच्छा गोयमा अणेगविहा पत्रता एवं तेइंदिय- चउरिदियपयोगपरिणया वि पंचिंदियपयोगपरियाणं पुच्छा गोयमा चउव्विहा पत्रत्ता तं जहा- नेरइयपंचिदियपयोगपरिणया तिरिक्खमजुस्स देव पंचिदियपयोगपरिणयाणं नेरइय पंचिंदिय पयोग परिणयाणं पुच्छा गोयमा सत्तविहा पत्रत्ता तं जहा- रयणप्पभपुढविनेरइयपंचिदियपयोगपरिणया वि जाव अहेसत्तमपुढविनेरइयपंचिंदियपयोगपरिणया वितिरिक्खजोणियपंचिंदियपयोगपरिणयाणं पुच्छा गोयमा तिविहा पत्ता तं जहाजल- चरतिरिक्खजोणियपंचिंदियपयोगपरिणया थलचरतिरिक्खजोणियपंचिंदियपयोगपरिणया खहचरतिरिक्खजोणियपंचिंदियपयोगपरिणयाजलचरतिरिक्खजोणियपंचिंदियपयोगपरिणयाणं पुच्छा गोयमा दुविहा पत्ता तं जहा संमुच्छिमजलचरतिरिक्खजोणियपंचिंदियपयोगपरिणया गब्भवक्कंतियजलचरतिरि क्खजोणियपंचिदियपयोगपरिणया थलचरतिरिक्खजोणियपंचिंदियपयोगपरिणयाणं पुच्छा गोयमा दुविहा पत्रत्ता तं जहा- चउप्पयथलचरतिरिक्खजोणियपंचिंदियपयोगपरिणया परिसम्पथलचरतिरिक्खजोणियपंचिंदियपयोगपरिणया चउप्पयथलचरतिरिक्खजोणियपंचिंदियपयोगपरिणायणं पुच्छा गोयमा दुविहा पत्रता तं जहा संमुच्छिमचउप्पयथलचरतिरिक्खजोणियपंचिंदियपयोगपरिणया गब्भवतियचउप्पयथलचरतिरिक्खजोणियपंचिं दियपयोगपरिणया एवं एएणं अभिलावेणं परिसप्पा दुविहा पत्रत्ता तं जहा उरपरिसप्पा य भुयपरिसप्पा य उरपरिसप्पा दुविहा पन्नत्ता तं जहा संमुच्छिमा य गब्भवक्कतिया य एवं भुयपरिसप्पा वि एवं खहथरा वि मणुस्पंचिंदियपयोगपरिणयाणं पुच्छा गोयमा दुविहा पत्रत्ता तं जहा संमुच्छिममणुस्सपंचिदियपयोगपरिणया गम्भवक्कंतियमणुस्तपंचिंदियपयोगपरिणया देवपेचिंदियपयोगपरिणयाणं पुच्छा गोयमा चउव्विहा पत्ता तं जहा भवणवासिदेवपंचिंदियपयोगपरिणया एवं जाव देमाणिया भवणवासिदेवपंचिंदियपयोगपरिणयाणं पुच्छा गोयमा दसविहा पत्रत्ता तं जहा असुरकुमारदेवपंचिंदयपयोगपरिणया जाय धणियकुमारदेवपंचिंदियपयोगपरिणया एवं एएणं अमिलावेणं अडविहा वाणमंतरा- पिसाया जाव गंधव्वा जोतिसिया पंचविहा पत्रत्ता तं जहा - चंदविमाणजोतिसिया जाव ताराविमाणजोतिसियदेवपंचिंदियपयोगपरिणया बेमाणिया दुविहा पत्रत्ता तं जहा- कप्पो- वगवेमाणिया कप्पातीतगवेमाणिया कप्पोवगवेमाणिया दुवालसविहा पत्ता तं जहासोहम्पकप्पोवगवेमाणिया जाव अनुयकप्पोचगवेमाणिया कप्पातीतगवेमाणिया दुविहा पत्रत्ता तं जहा- गेवेज्जगकप्पातीतगवेमाणिया अनुत्तरोववातियकष्पातितगवेमाणिया गेवेजगकप्पातीतगवेमाणिया नवविहा पत्ता तं जहा-हेट्ठिमहेट्ठिमगेवैजगकप्पातीतगवेमाणिया जाव उवरिमउबरिमगेवेजगकप्पातीतगवेमाणिया अनुत्तरोववातियकप्पातीतगवेमाणियदेवपंचिंदियपयोगपरिणया नं भंते पोग्गला कतिविहा पन्नत्ता गोयमा पंचविहा पत्रत्ता तं जहा-विजयअणुत्तरोववातिय [कप्पातीतगवेमाणियदेव पंचिंदियपयोग] परिणया जाव सव्वसिद्ध अनुत्तरोवातियकप्पातीतगवेमाणियदेवपंचिंदियपयोगपरिणया सहुमघुढविकाइयएगिंदियपयोगपरिणया णं भंते पोग्गला कतिविहा पत्रत्ता गोयमा दुविहा पन्नत्ता तं जहा-पज्जत्तासुहुमपुढविकाइय एगिदियपयोग परिणया य अपजत्तासुहुमपुढविकाइय 5 10 For Private And Personal Use Only
SR No.009731
Book TitleAgam 05 Vivahapannatti Angsutt 05 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages514
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 05, & agam_bhagwati
File Size10 MB
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