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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २० ठाणं . २/३/९६ गाउयाई उड्ढे उचत्तेणं पण्णता ।९१17 (९६) घायइसंडे दीचे पुरस्थिमद्धे णं मंदरस्स पव्वयस्स उत्तर-दाहिणे णं दो वासा पण्णत्ता-बहुसमतुल्ला जाव तं जहा-मरहे चैव एवए चेव एवं-जहा जंबुद्दी तहा एत्थवि माणियव्वं जाव दोसु वासेसु मणुया छविहंपि कालं पन्त्रणुभवपाणा विहरति तं जहा-भरहे चेव एरवए चेव नवरं-कूडसामली चेव घापईरुस्खे चेव देवा-गरुले चेव वेणुदेवे सुदंसणे चेव पायइसंडे दीवे पच्चस्थिमद्धे णं मंदरस्स पन्नयस्स उत्तर-दाहिणे णं दो वासा पप्णत्ता-वहसमतुल्ला जाव तं जहा-भरहे चेय एवए चेव एवं-जहा जंबुद्दीवे तहा एत्थवि भाणिव्वं जाव छविहंपि कालं पच्चणुभवमाणा विहरंति तं जहा-भरहे देव एरवए चेव नवरं-कूडसामली चेव महाधायईरुक्खे चेव देवा-गरुले चेव वेणुदेवे पियदंसणे चेव घायइंसंडे दो रम्पगवासाई दो पुनविदेहाई दो अवरविदेहाइं दो देवकुराओ दो देवकुरुमहहुमा दो देवकुरुमहडुमवासी देवा दो उत्तरकुराओ दो उत्तरकुरुमहहुमा दो उत्तरकुरुमहद्दुमवासी देवा दो चूलहिमवंता दो महाहिमवंता दो निसढा दो नीलवंता दो रुप्पी दो सिहरी दो सद्दायाती दो सद्दावातिवासी सातो देवा दो वियडावाती दो वियडावातिवासी पमासा देवा दो गंधावाती दो गंधावातियासी अरुणा देवा दो मालवंतपरियागा दो मालवंतपरियागवासी पउमा देवा दो मालवंता दो चित्तकूडा दो पम्हकूडा दो नलिणकूड़ा दो एगसेला दो तिकूडा दो वेसमणकूडा दो अंजणा दो मातंजणा दो सोसणसा दो विजप्पमा दो अंकावती दो पम्हावती दो आसीविसा दो सुहावहा दो चंदपव्वता दो सूरपव्वता दो नापगव्वतर दो देवपच्चता दो गंधमायणा दो उसुगारपव्यया दो चुल्लहिमवंतकूड़ा दो वेसमणकूडा दो महाहिमवंतकूडा दो वेरुवियकूडा दो निसढकूडा दो रुयगकूडा दो नीलवंतकूडा दो उवदंसणकूडा दो रुप्पिकूडा दो मणिकंचणकूडा दो सिहरिकूडा दो तिपिंछिकूडा दो पउमद्दहा दो पउमद्दहवासिणीओ सिरीओ देवीओ दो महापउमद्दहा दो महापउमद्दहवासिणीओ हिरीओ देवीओ एवं जाव दो पुंडरीयद्दहा दो पोंडरीयद्दहवासिणीओ लच्छीओ देवीओ दो गंगप्पवायद्दहा जाव दो रत्तावतीपवातदहा दो रोहियाओ जाव दो रुप्पकूलाओ दो गाहवतीओ दो दहवतीओ दो पंकवतीओ दो तत्तजलाओ दो मत्तजलाओ दो उम्मत्तजलाओ दो खीरोयाओ दो सीहसोताओ दो अंतोवाहिणीओ दो उम्मिमालिणीओ दो फेणमालिणीओ गंभीरमालिणीओ दो कच्छा दो सकच्छा दो महाकच्छा दो कच्छावती दो आयत्ता दो मंगलवता दो पुक्खला दो पुक्खलावई दो वच्छा दो सुवच्छा दो महावच्छा दो वच्छगावती दो रस्मा दो रप्पगा दो रमणिज्जा दो मंगलावती दो पम्हा दो सुपम्हा दो महपम्हा दो पम्हगावती दो संखा दो नलिणा दो कुमुया दो सलिलावती दो वप्पा दो सुवप्पा दो महावप्पा दो वप्पगावती दो वग्गू दो सुवागू दो गंधिला दो गंधिलावती दो खेमाओ दो खेमपुरीओ दो रिट्ठाओ दो रिट्ठपुरीओ दो खग्गीओ दो मंजूसाओ दो ओसधीओ दो पोंडरिगिणीओ दो सुसीमाओ दो कुंडलाओ दो अपराजियाओ दो पभंकराओ दो अंकावईओ दो पम्हावईओ दो सुभाओ दो रयणसंचयाओ दो आसपुराओ दो सीहपुराओ दो महापराओ दो विजयपराओ दो अवराजिताओ दो अवराओ दो असोयाओ दो विगयसोगाओ दो वियजाओ दो वेजयंतीओ दो जयंतीओ दो अपराजियाओ दो चक्कपुराओ दो खगपुराओ दो अवझावओ दो अउज्झाओ दो भद्दसालवणा दो नंदणवणा दो सोमणसवणा दो पंडगव For Private And Personal Use Only
SR No.009729
Book TitleAgam 03 Thanam Angsutt 03 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages170
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 03, & agam_sthanang
File Size3 MB
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