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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ૪ सूयगडो २/२/- /६७० - ओ पेज्जाओ दोसाओ कलहाओ अब्मक्खाणाओ पेसुण्णाओ परपरिवायाओ अरइरईओ मायामोसाओ मिच्छादंसण सल्लाओ पडिविरया जावजीवाए सव्वाओ न्हाणुम्मद्दण-वण्णगविलेवण-सह-फरिस - रस-रूव-गंध-मल्लालंकाराओ पडिविरिया जावज्जीवाए सव्वाओं सगडरह जाण - जुग्ग- गिल्लि - थिल्लि सिय संदभाणिया-सयणासण जाण - वाहण भोग- भोयण पवित्यरविहीओ पडिविरया जावजीवाए सब्बाओ कय-विकक्क्य मासद्धमास-रूवग-संववहाराओ पडिविरया जावजीवाए सच्चाओ हिरण्ण-सुवण्ण-धण-धण्ण-मणि-मोत्तिय संखसिल प्पवालाओ पडिविरया जावज्जीदाए सव्वाओ कूडतुल- कूडमाणाओ पडिविरया जायजीवा सव्वाओ आरंभसमारंभाओ पडिविरया जावजीवाए सब्बाओ करण काराव णाओ पडिविरया जावज्जीवाए सव्वाओ पयण- पयावणाओ पडिविरया जावजीवाए सव्वाओ कुट्टण-पिट्टण-तण-ताडण वह बंधपरिकिलेसाओ पडिविरया जाबजवाए जे यावणमे तहप्पगारा सावज्जा अबोहिया कम्ता परपाणपरियावणकरा कजति तओ वि पडिविरया जावजीवा से जहानामए अणगारा भगवंतो इरियासमिया भासासमिया एसणासमिया आयाण - भंड-मत्त - निक्खेवणासमिया - उच्चार- पासवण - खेल - सिंधाण-जल्ल पारिट्ठावणियासमिया मणसमिया वइसमिया कायसमिया मणगुत्ता वयगुत्ता कायगुत्ता गुत्ता गुत्तिंदिया गुत्तभयारी अकोहा अमाणा अमाया अलोमा संता पसंता उवसंता परिनिब्बुडा अगासवा अग्गंधा छिण्णसोया निरुवलेवा कंसपाई व मुक्कतोया संखो इव निरंजणा जीव इव अप्प - डिह गई गगणतलं इव निरालंबणा वायुरिव अप्पडिबद्धा सारदसलिलं व सुद्धहियया पुक्खरपत्तं वनिरुवलेवा कुम्मो इद गुत्तिंदिया विहग इव विप्पमुक्ता खग्गविसाणं व एगजाया . मारूंडपक्खी व अप्पमत्ता कुंजरो इव सोंडीरा बसभो इव जायथामा सीहो इव दुद्धरिसा मंदरो इव अप्पकंपा सागरी इव गंभीरा चंदो इव सोमलेसा सुरो इव दित्ततेया जचकणगं व जायरूवा वसुंधरा इव सव्वफासविसहा सुहुयहुयासणी विव तेयसा जलता नत्थि णं तेसिं भगवंताणं कत्थ वि पडिबंधे भवइ से पडिबंधे छउव्विहे पण्णत्ते तं जहा अडए इ वा पोयए इ वा उग्गहे इ वा पग्ग इ वा जपणं जण्णं दिसं इच्छतिं तण्ण-तण्णं दिसं अप्पडिबद्धा सुईमूया लहुभूंया अप्पगंधा संजेमेणं तवसा अपापाणं भावेमाणा विहरंति तेसिं णं भगवंताणं इमा एयारूवा जायामायावित्ती होत्या तं जहा चलत्ये भत्ते छठे मते अट्ठमे भत्ते दसमे भत्ते दुवालसमे भत्ते चउदसमे भत्ते अद्धमासिए भत्ते मासिए भत्ते दोमासिए भत्ते तिमासिए भत्ते चउम्मासिए भत्ते पंचभासिए भत्ते छम्मासिए भत्ते अदुत्तरं च णं उक्खित्तरगा णिक्खित्तरगा उक्खित्तणिक्खित्तचरगा अंतचरगा पंतचरगा लूहचरगा समुदाणचरगा संसठ्ठवरगा अससंट्ठचरगा तञ्जया संसट्ठचरगा दिट्ठलाभिया अदिट्ठलाभिया पुट्ठलाभिया अपुट्ठलाभिया भिक्खलाभिया अभिक्खलाभिया अण्णांतचरगा उवणिहिया संखादत्तिया परिमिय-पिंडवाइया सुद्धेसणिया अंताहारा पंताहारा अरसाहारा विरसाहारा लूहाहारा तुच्छाहारा अंतजीवी पंतजीवी पुरिमढिया आयंबिलिया णिव्विगइया अमजमंसासिणो नो णियामरसभोई ठामाइया पडिमठाइया सिजिया बीरासणिया दंडायतिया लंगडसाइणी अवाउडा अगत्तया अकंडया अणिहा धुतकेसमंसु रोमण्हा सव्वगायपडिकम्मविप्रमुख चिट्ठति ते णं एतेणं विहा- रेण विहरमाणा बहूइं वासाई सामण्णपरियागं पाउणंति पाउणित्ता For Private And Personal Use Only ▾
SR No.009728
Book TitleAgam 02 Suyagado Angsutt 02 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages122
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 02, & agam_sutrakritang
File Size2 MB
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