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________________ श्री कमलबत्तीसी जी श्री कमलबत्तीसी जी आध्यात्मिकजयमाल विषयानुक्रम पृष्ठ आध्यात्मिक जयमाल १. श्री तारणपंथ २. ज्ञानी ज्ञायक ३. ध्रुव धाम ४. ममल स्वभाव ५. मुनिराज आध्यात्मिक भजन विषयानुक्रम आध्यात्मिकभजन पृष्ठ आध्यात्मिक भजन पृष्ठ क्रमांक १. हेज्ञान सूर्यचैतन्य देव..... १०५ १९. जिनवर की वाणी अमोल..... १०९ २. लीजे रत्नत्रय धार २०. जग अंधियारोधूरा को ढेर.... ११० ३. सम्यकदर्शन जिसे हो गया..... १०५ २१. गुरूतारण लगा रहे टेर.... ४. जय हो जय होजय हो रे..... १०५ २२. ध्रुव से लागी नजरिया..... ५ हेआतमपरमातम हो...... १०६ ६. निज स्वरूपकी अनुभूति..... १०६ २३. तुमकोजगा रहे गुरूतारण.... ७. निज आत्मा निहार लो..... १०६ २४. शुद्धातम को तरसेनजरिया...... १११ ८ भजलेभजलेरेतूआतम..... १०६ २५. हेभव्यो भेद विज्ञान करो.... १११ ९ समदृष्टिसमभाव में रहना..... १०७ २६. आओहम सब मिलकर गाएं..... १११ १०. सिद्धस्वरूपीशुद्धातम...... १०७ २७. आतम है आतम है निज आतम.... १११ ११. हेआतमपरमातम हो तुम.... २८. जय तारण तरण सदा सबसे ही.... ११२ १२. शुद्धातममें स्मजइयो..... १०७ २९. अरे आतमवैरागी बन जइयो.... ११२ १३. तन पिंजरेसेचेतन.... १४. सिद्ध स्वरूपी शुद्धात्मा..... ३०. निज को ही देखना और जानना....११२ १५. आतम कोध्यानलगाओ..... ३१. होजा होजारे निर्मोही आतम.... ११२ १६. मुक्ति से रास रचाओ..... ३२. गुरूतारणतरणआयेतेरी शरण... ११३ १७. आतमध्यान लगा लइयो..... १०९ ३३. धन के चक्कर मेंभुलाने सबलोग...११३ १८. जगा रही जिनवाणी.... १०९ ३४. देदी हमें मुक्तियेविना पूजा... ११३ ६. सम्यक्ज्ञान ७. साधक ८. मोक्षमार्ग १०० ९. शुद्ध दृष्टि १०.भाव विशुद्ध ११.कल्याण १२.बारह भावना १०० १०१ १०२ १३.सतत् प्रणाम १०४
SR No.009717
Book TitleKamal Battisi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanand Swami
PublisherBramhanand Ashram
Publication Year1999
Total Pages113
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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