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________________ तृतीयोन्मेषः . ३९७ इस प्रकार सहोक्ति के अपने अभिमत लक्षण का सम्यक् प्रतिपादन कर कुन्तक दृष्टान्त अलङ्कार का विवेचन प्रस्तुत करते हैं। पाण्डुलिपि में दृष्टान्त की कारिका लुप्त हो गई है । वृत्ति के आधार पर उसका पूर्वार्द्ध डा० डे ने इस प्रकार उद्धृत किया है वस्तुसाम्यं समाश्रित्य यदन्यस्य प्रदर्शनम् ॥ ३७॥ पदार्थों के सादृश्य का आश्रयण कर जो दूसरे ( वर्णनीय से भिन्न पदार्थ ) का प्रदर्शन किमा जाता है ( उसे दृष्टान्त अलङ्कार कहते हैं)। दृष्टान्तं भाव इभिधत्ते-वस्तुसाम्येत्यादि । यदन्यस्य वर्ण्यमानप्रस्तुताद्वयतिरिक्तवृत्तेः पदार्थान्तरस्य प्रदर्शनमुपनिबन्धनं स दृष्टान्तनामालवारोऽभिधीयते । कथं-वस्तु-साम्यं समाश्रित्य | वस्तुनः ( नोः? ) पदा. र्थयोदृष्टान्तदान्तिकयोः साम्यं सादृश्यं समाश्रित्य निमित्तीकृत्य । लिङ्ग सङ्ख्या-विभक्तिस्वरूपसाम्यवर्जितमिति वस्तुग्रहणम् । ( यथा) तब तक (ग्रन्थकार ; दृष्टान्त ( अलङ्कार ) का प्रतिपादन करते हैंवस्तुसाम्येत्यादि ( कारिका के द्वारा)। जो दूसरे का अर्थात् वर्ण्यमान प्रस्तुत (पदार्थ ) से भिन्न वृत्ति वाले दूसरे पदार्थ का प्रदर्शन अर्थात् वर्णन ( होता है ) वह 'दृष्टान्त' नाम का अलङ्कार कहा जाता है । ( दूसरे पदार्थ का वर्णन ) कैसे (किया जाता है ?)-वस्तुओं के साम्य का आश्रय ग्रहण कर। वस्तुओं अर्थात् दृष्टान्त तथा दार्टान्तिक भूत पदार्थों के साम्य अर्थात् सादृश्य को आश्रित करके अर्थात् निमित्त बना कर ( अन्य पदार्थ का वर्णन किया जाता है)। लिङ्ग, संख्या, विभक्ति एवं स्वरूप के साम्य से अतिरिक्त साम्य ( के कारण पदार्यान्तर का वर्णन होने पर ही दृष्टान्त अलङ्कार ) होता है इसीलिये लक्षण में वस्तु (साम्य ) का ग्रहण किया गया है । जैसे सरसिजमनुविद्धं शैवलेनापि रम्यं मलिनमपि हिमांशोर्लक्ष्म लक्ष्मी तनोति । इयमधिकमनोज्ञा वल्कलेनापि तन्वी किमिव हि मधुराणां मण्डनं नाकृतीनाम् ।। १६१ ।। कमल सेवार से भी संगत होकर रमणीय लगता है । चन्द्रमा का कलङ्क गन्दा होते हुए भी सौन्दर्य को बढ़ाता है। यह कृशाङ्गी वल्कल से भी अधिक सुन्दर ही लग रही है। सुन्दर आकृतियों का कौन सा ऐसा पदार्थ है जो अलङ्कार नहीं बन जाता ॥
SR No.009709
Book TitleVakrokti Jivitam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRadhyshyam Mishr
PublisherChaukhamba Vidyabhavan
Publication Year
Total Pages522
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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