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________________ प्रथमोन्मेषः १३. भणितिवैचित्र्यमात्रमेवात्र काव्यार्थः । न तु नूतनोल्लेखशालिवाच्यविम्भितम् । एतच्च भणितिवैचित्र्यं सहस्रप्रकार सम्भवतीति स्वयमेवोत्प्रेक्षणीयम् । यहां पर भी केवल उक्ति-वैचित्र्यमात्र ही काव्य का अर्थ है न कि नवीन उल्लेख से शोभित होने वाला वाच्यार्थ का विलास । यह उक्ति का वैचित्र्य अनेकों प्रकार का सम्भव हो सकता है अतः सहृदय लोगों को उसे स्वयं जान लेना चाहिए। __पुनविचित्रमेव प्रकारान्तरेण लक्षयति-यत्रान्यथेत्यादि । यत्र यस्मिन्नन्यथाभवदन्येन प्रकारेण सत सर्वमेव पदार्थजातम् - अन्यथैव प्रकारान्तरेणैव भाव्यते । कथम-यथाचि । स्वप्रतिभासानुरूपेणो. त्पद्यते । केन-प्रतिभोरलेखमहत्त्वेन महाकवेः, प्रतिभासोन्मेषातिशयत्वेन सत्कवेः । यत्किल वर्ण्यमानस्य वस्तुनः प्रस्तावसमुचितं किमपि सहृदयहृदयहारि रूपान्तरं निमिमीते कविः । यथा फिर विचित्र मार्ग को ही दूसरे ढंग से लक्षित करते हैं-"यत्रान्यथा..." ( इत्यादि (६वीं कारिका के द्वारा )। जहाँ अर्थात् जिस ( मार्ग ) में अन्यथा स्थित अर्थात् अन्य ढंग से विद्यमान सारा का सारा पदार्थ समूह अन्यथा ही अर्थात् दूसरे ही ढंग से दिखाई पड़ता है। कैसे-यथारुचि । अपने अनुभव के अनुसार उत्पन्न होता है। किस कारण से–महाकवि की प्रतिभा के उल्लेख की महत्ता से अर्थात् श्रेष्ठ कवि के अनुभव के उन्मेष के अतिशय से। तात्पर्य यह है कि कवि प्रकरण के अनुरूप वर्ण्यमान वस्तु के किसी अपूर्व सहृदयों के मनोहारी अन्य स्वरूप की सृष्टि करता है । जैसे तापः स्वात्मनि संश्रितद्रुमलताशोषोऽवगैर्वर्जनं सहयं दुःशमया तृषा तव मरो कोऽसावनर्थो न यः । एकोऽर्थस्तु महानयं जललवस्वाम्यस्मयोद्जनः समयन्ति न यत्तवोपकृतये धाराधराः प्राकृताः ॥१८॥ हे मरुस्थल ! तुम्हारे अपने शरीर के अन्दर ताप, (तुम्हारे ) आधित वृक्षों एवं लताओं का सूख जाना, राहियों के द्वारा (तुम्हारा ) परित्याग तथा बड़े ही दुःख के साथ शान्ति होने वाली पिपासा के साथ ( तुम्हारी) मित्रता (. सब तो है) कौन ऐसा अनर्थ ( शेष बचता) है जो तुम्हारे पास न हो ( अर्थात् सभी अनर्थ तुम्हारे अन्दर विधमान है)। हो ! एक महान् अर्थ ( गुण ) भापके पास यह (बबश्य) है कि जम के
SR No.009709
Book TitleVakrokti Jivitam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRadhyshyam Mishr
PublisherChaukhamba Vidyabhavan
Publication Year
Total Pages522
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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