SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 162
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 5 10 15 20 25 १३४] [ दीपालिकापर्वसंग्रहः ॥ जा दुप्पसहो सूरी होहंति जुगप्पहाणआयरिया । अज्जसुहम्मप्पभिईओ चउअहिया दुण्णि य सहस्सा (२००४) ॥८५॥ इह सुहम्म- जंबू सिद्धा पभवाइ एगभवतारिणो सेसा । सड्ढदुजोअणसेसा डमरदुब्भिक्खरोगहरा ॥८६॥ जुगप्पहाणसमाणा एगारसलक्खा सोलससहस्सा । सूरिओ हुंति अरए पंचमए जाव दुप्पसहो ||८७|| होहंतिओ पणपन्नलक्खा पणपन्नसहस्सकोडीओ । पंचसयकोडिपण्णा गोयम ! सुचरणसयलसूरी ॥८८॥ पंचावण्णाकोडी पंचावण्णाइ सयसहस्साइं । पंचावण्णसहस्सा पंचसया पंच अहिअयरा ॥ ८९॥ एते जघन्यगुणधारिणः सूरयः ॥ तह सित्तरकोडीलक्खा नवकोडिसहस्सकोडीसयमेगं । इगवीसकोडिइगलक्खसट्ठिसहस्स सुसाहूणं ॥९०॥ समणीण कोडिसहस्स दस नवकोडिसयबारकोडीओ । छप्पनलक्खछत्तीससहस्सएगूणदुन्निसा ॥९१॥ जिणमयभत्तिनिवाओ एगारसलक्खसोलससहस्सा । होहंति अहियबारसइगवीससएहिं जा विमलो ॥९२॥ तह सोलकोडिलक्खा तिअकोडिसहस्स तिण्णिकोडिसया । सत्तरसकोडिचुलसीलक्खा सुसावयाणं तु ॥९३॥ पणवीसकोडिलक्खा सुसाविया कोडिसहस्स बाणवइ । पणकोडिसया बत्तीसकोडि तह बारसऽब्भहि ||१४|| तो सग्गा चुओ सूरी दुप्पसहो साहुणी य फग्गुसिरी । नाइलसड्डो सड्डी सच्चसिरी अंतिमो संघ ॥९५॥ भणियं च " एगो साहू एगा य साहूणी सावओ वि सड्डी वा । आणाजुत्तो संघो सेसो पुण अट्ठिसंघाओ” ॥९६॥ १. परचक्र । २. २८ वर्षायुः - १२ गृह० । १६ वर्षे आचार्यपद एवं २८ | D:\chandan/new/ kalp-1 / pm5\ 3rd proof
SR No.009693
Book TitleDipalika Kalpa Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandanbalashreeji
PublisherBhadrankar Prakashan
Publication Year2011
Total Pages304
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy