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________________ जैन-थातु प्रतिमा लेख (१३७) संवत १५१२ वर्षे वैशाख सुदि ५ शुके श्रीश्रीमालज्ञातीय पितृ स० भूल मात तेजलदेश्रेयोथे सुत श्रीपासाकेन श्रीश्रीअभिनंदनमुख्यपंचतीर्थी कारिता महकरगच्छे प्रतिष्ठितं श्रधनप्रभसूरिभिः ॥ चूल्हा वास्तव्यः॥ (१३८) संवत् १५१३ वर्षे का० १० ११ रखो त्रिपुरपाटकवासि प्राग्वाट (ज्ञातीय ) श्रेषिठ होरा भार्या श्रीराजीनाम्न्या स्वमातृकामल देश्रेयोर्थ श्रीसुमतिनाथसिंबं कारितं प्रति० तपा श्रीसा (साम) सुन्दरसूरि शिष्य श्रीरत्नशेखरसूरिभिः। (१३६) संवत् १५१३ वप माघ सुदि......श्रीश्रमालज्ञातीय गंधारवास्तव्य श्रे देवधर भार्या भांजू नाम्न्या पु० रुपा, वस्ता, पुत्री समतिप्रति कुटुम्बयुतयास्वश्रेयसे श्रीसुमतिनाथर्विबं कारितं प्रति० तपापो श्रीसोम. सुन्दरसूरिशिष्य श्रीरत्नशेखरसूरिभिः ।। श्री रस्तु । संवत् १५१३ वैषाख वदि ५ अहम्मदाबादवासी श्रीश्रीमालज्ञातीय सा० लूणसी चमकू पु० आम......श्रीविमलनाथबिंबं का. प्रति. मुनिसुन्दरसूरिपट्ट श्रीरलशेखरसूरिभिः ।। (१४१) संवत् १५१३ वर्ष माघ शुदि ५ रबौ श्रीश्रीमाल ज्ञातीय म० महिपा द्वि० भार्या देवल दे सु० लाडणकेन भा० ललनादे पितृमात. श्रेयोर्थ प्रात्मश्रेय से पाशांतिनाथविम्ब कारितं श्रीनागेन्द्रगच्छे गुणसमुद्रसूरिभिः ॥ धांधराज ग्रामे || श्री ।। १३७. शांतिनाथ जैनमंदिर कोट बंबई ५३८. गोडो पार्श्वनाथ जैन मंदिर पायधुनि बंबई १३६. शांतिनाथ जैनमंदिर कोट बंबई १४०. निज दैनन्दिनी से १४१. , . " "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009681
Book TitleJain Dhatu Pratima Lekh Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKantisagar
PublisherJindattsuri Gyanbhandar
Publication Year1950
Total Pages144
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size4 MB
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