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________________ जैन-धातु प्रतिमा लेख . (१३३) संवत् १५१२ वर्षे फागुण शुदि बुधे श्रीश्रीमालज्ञातीय वापच उंध भा० वां (चां) पलादे सुत राजा भार्या राजलदे सुत लखा; बना; राघव वीरा सहितेन पितृमातृचांपा-निमित्तं प्रात्मश्रश्रेयसे श्रीचतुविंशतिपट्ट का० मुक्ष्य (? मुख्य) श्रीसुमतिनावबं प्र०पिष्फल गच्छे (पिपलगच्छे) भ० उदयदेवसूरिभिः ।। कोतरवाडा वास्तव्यः॥ (१३४) संवत् १५१२ वर्षे माघ वदि ८ शुक्र श्रीश्रीमालज्ञातीय श्रेखता भा० राजलदे सुत साह दासहदेभ्यां स्वपित्रो (?) श्रेयसे कुंथ (थु नाथबिंब कारिता (तं) प्र अ (१) श्रागम गच्छे श्रीसाध (? धु) सुन्दरसूरीणामुपदेशेन कारितं । ( १३५ ) संवत् १५१२ वर्षे माघ ( ? महा ) शु०५ प्राग्वाटज्ञातीय अं० माइग्रा भार्या महिगल सुत गोइया भा० दूबड़ी सुत हीराकन भार्या माणिकि मातृभटापरबतस्वश्रेयोश्रीश्रादिनाथबिचं का० प्र० तपा श्र रत्नमागरसूरिभिः॥ ( १३६) संवत् १५१२ वर्षे चै० सु० ५ उसवाल 40 थुणागोत्रे सा० महणा.भागमहणादे सुत सा०सीपावेन भा० सुलेसरिप्रमुख कुटुम्बयुतन श्रीआदिनाथभिबं कारित प्रति० श्र.कक्कसूरिभिः ।। १३३. महावीरस्वामी जैनमन्दिर पायधुनी बम्बई १३४. शान्तिनाथ जैनमन्दिर भीडी बाजार बम्बई १३५. नेमिनाथ जैनमन्दिर भींडीबाजार बम्बई ५३६. नेमिनाथ जैनमंदिर भीडी बाजार बंबई "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009681
Book TitleJain Dhatu Pratima Lekh Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKantisagar
PublisherJindattsuri Gyanbhandar
Publication Year1950
Total Pages144
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size4 MB
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