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________________ २० ( १२५ ) संवत १५१० वर्षे फागुण वदि ३ शुक्रे श्रीश्रीमालज्ञातय ठकुर धरण भार्या बाई गांगी त ठकुर मांडण भार्या बाई अरधू || तेन स्वकुटु. Free श्री आदिनाथबिवं कारितं प्रतिष्ठितं श्रागमगच्छे श्री श्री (? श्रमर) सूरीणामुपदेशेन श्री स्तुकल्याणं । नाम ज्ञान चूक किसी ने मिटा दिया है जन धातु प्रतिमा लेख ( १२६ ) संवत् १५११ वर्ष माघ वदि ५ बुध दिने श्री लोढागोत्रे सा० गोल्हा संताने सा० ऊधर भार्या उदयणि पुत्रः सा० खाभाकेन आत्मश्रेयस श्रीचन्द्रप्रभबिंबं का० प्रति० श्रीरुद्रपल्लीयगच्छे श्रीदेवसुन्दरसूरि प० श्रीसोमसुन्दरसूरिभिः ॥ शुभं भवतु ॥ (१२७) संवत् १५११ वर्षे माघ शुदि ५ गुरौ श्रीश्रीमालज्ञातीय ४० सोम भा सिरियादे पुत्र सुमल भा० राणी सुत अमेसिंह भा० धीर पानावेन श्रात्म मदन झाड मातृ जाया 'सहकुटुम्ब परिवृत्तेन सुविधिनाथ का० प्र० तपा० श्रीसोमसुन्दरसार भूमि (? मुनि) सुन्दर सूरि श्रं जयचन्द्रसूरि विशालराजसूरिशिष्य सम्प्रतिविद्यमानगच्छनायक श्री रत्नशेखरसूरिभिः ॥ ( १२८ ) सं० १५११ वर्षे पौष वदि ६ मंत्रीश्वरगोत्रे हरिया भा० सुजू खा० मन भार्या श्रीबज्ञातीय सहन सिंहसेनसूरिभिः । १२५. जैनमंदिर तुलापट्टी कलकत्ता १२६. तपागच्छ जैनमंदिर बालापुर १२७, जैनमंदिर भायखला बंबई १८. सम्मेदशिखर मंदिर मधुवन "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009681
Book TitleJain Dhatu Pratima Lekh Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKantisagar
PublisherJindattsuri Gyanbhandar
Publication Year1950
Total Pages144
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size4 MB
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