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________________ [१४] (४०) बीकानेररा किसनगढरा बूंदीरा राजाजी इंदोररा हुसकरजी प्रमुख सर्व देसांरा राजवी जनानै समेत इणारै घरे पधारया देणो (४१) लेणा हजारां रो कोयो दिल्ली रै पानसां । अंगरेजां रै पातसां री दीयोड़ी सेठ पदवी हे सुविख्यात हीज है पढ़ संघरी लाहण न्यात में (४२) दीवी पुतली १ हेमररी थाली १ मीश्री सेर १ घर दीठ पढ़ बहादरम जी लारै खाहण कीवी रुपया ५) थाली १ मिश्री सेर (४३) १ घर दोउ दीवी जीमण कीयो पढ़ सहर में गवां ५ . सिरपाव दीया पढ़ गढ महिला मंदिरा बुझने उपासरे वडै चढाणो कीयो इण (४४) मुजब हीज उदेपुर कोटै देणो लेणो कीयो हिवै संघमें देरासर रो रथ हा जिणरा ५१००) लागा वगडो सोना रूपेरा १ ।। (४५) जिणरा १००००) लागा मंदिर ग सुनेरी रूपेरी वासणां रा १५०००) लागा। पूजा फुटकर सरंजामनै लाख एक रुपया (४६) लागा। हमें संघ में जावतो हो तिणरी विगत । तोगं ४ पलटण रा लोक You असवार १५० नगारे निसांण समेत उदेपुर रा रा. (४७) जीरा असवार ५०० नगार निसाण समेत कोर्ट रा महारावजी रा असवार १०० नगारै निसांण समेत जोधपुर रै राजाजी (4G) रा असवार ५७ नगारै निसांण समेत । पाला १०० जेसलमेर रा रावलजी रा असवार २०० हूंक रै नवाब रा असार ४ फु "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009680
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages374
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size20 MB
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