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________________ [१४४ (६) त् श्रीबाणागोत्रे सा0 श्रीदेवराजजी तत्पुत्र गुमानचंदजी नार्या जैता तरपुत्र ___ ५ बहादरमलजी नार्या चतुरा । सवाईराम (७) जी नायर्या जीवां मगनीरामजी जार्या परतापां जोरावरमसजी नार्या चौथा परतापचंदजी जार्या मांना एवं बहादरमबजी त() पुत्र दोनमसजी सवाईरामजी तत्पुत्र सामसिंघजी माणकचंद। सामसिंघ पुत्र रतनलाल । मगनीरामजी तत्पुत्र लभूतसिंघ तत्पुत्र १ (ए) पूनमचंद दीपचंद । जोरावरमलजी तत्पुत्र ५ सुलतानमक बनणमस सुल. तानमल पुत्र १ गंजीरचंद इंशचंद प्रतापचंदजी पुत्र ३ हिमतरा. (१७) म जेठमल नथमल । हिमलराम पुत्र जीवण जेवन पुत्र मूलो गुमानचंदजी पुत्र्यां २ कबू बीजू सवाईरामजी पुन्यां ३ सिरदारी सिणगारी नानूमी (११) मगनीरामजी तत्पुयां ५ हरकवर हसत सपरिवारसहितः सिद्धाचलजीरो संघ कढायो जिणरी विगत जेसलमेरु नमयपुर कोटे सुं कुंकुमपन्या सर्व दे. (१५) सरां में दीव।। च्यार २ जीमण कीया नालेर दीया पबै संघ पाली जेसो हुवो उचै जीमण ४ कीया संघ तिलकरा संघतिखक [मिति माह सुदि १३ दिने (१३) न० । श्रीजिनमहेंप्रसूरिजी श्रीचतुर्विधसंघसम के दोयो पबै संघ प्रयाण कीयो मार्ग में देसना सुणतां पूजा पडिकमणादिक करतं सात (१४) क्षेत्रां में अव्य बगावतां जायगा ५ सामेलो हुतो रथ जात्रा प्रमुख महो. रसव करतां श्रीपंचतीर्थीजी बनणवाडजी श्राबजी जिरावलोजी तारः "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009680
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages374
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size20 MB
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