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________________ ( १४८ ) समवसरणजी के चरणों पर । [ 1648] ॥ सं २०१७ रा धराकार्या वृहत् खरतर जहारक गणीय पाठक हीरधर्मोपदेशेन जयनगर वासिना ओसवाल ज्ञातो सेव गोत्रीय हुकुमचंदजेन । उदयचंदेन अयोध्यायां श्री अजित सर्वज्ञस्य पादन्यासः कारितः । प्र । श्री जिन हर्ष सूरिणा ॥ [1649 ] ॥ सं० २०११ धराकायां श्री जिनलाज सूरि शिष्योपाध्याय श्री हीरधर्मोपदेशेन अयोध्यायां श्री वृषनाथानां पादन्यासः कारितः ओसवाल | मिरगा जाति सामंतसिंहेन बडेर गोत्रीयेत बीकानेरस्थ पदार्थमलेन । प्रतिष्ठितः श्री जिनहर्ष सूरिणा । [1650] ॥ सं० २०७७ रा धराकायां खरतर गणीय पाठक हीरधर्मोपदेशेन सवाल जातो सठ गोत्रीय हुकुमचंदजेन । उदयचंदेन जयनगरस्थेन । अवधौ सर्वज्ञाजिनंदन पादाः कारिताः । प्र । जिनदर्ष सूरिणा । V [1651] ॥ सं० २०७७ रा धराकाय खरतर गणीय पाठक हीरधर्मोपदेशेन जयनगर वासिना सवाल जातो सेव गोत्रीय हुकुमचंदजेन । उदयचंदेन । अयोध्यायां श्री सुमति सर्वज्ञ पादाः कारिताः प्र । श्री जिनहर्ष सूरिणा । [1652] ॥ [सं०] १०७७ रा धराकायां श्री बृहत् खरतर गणेश श्री जिनल्लाज सूरि शिष्योपाध्याय श्री हीरधर्मोपदेशेन अवधी सर्वज्ञानंत पादन्यासः कारितः सेव उदयचंद प्र । श्री जिन दर्ष सूरिणा ॥ १५ ॥ "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009679
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages356
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size7 MB
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