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________________ (२०५) लोढारो बासका मंदिर। J ( 830 ) ॐ हाँ श्रीँ नमः ॥ श्री पातिसाह षुण साहजी विजय राज्ये। संवत् १९८६ वर्षे वैशाख सिताष्टमी शनिवासरे महाराजाधिराज महाराजा श्री गजसिंह जी विजय राज्ये श्री पालिका नगरे सोनिगरा श्री जगनाथ जी राज्ये ऊपकेस ज्ञातीय श्री श्री माल चंडालेचा गोत्रे सा. गोटिल भार्या सोनागदे पुत्र सा० दुगर भातू सा-माषर -- नामभ्यां - डुगर मार्या नाथलदे पुत्र रूपसी राई त्यघर भना भाषर भार्या चाचलदे पु० देसर आयेल रूपा - पु० टीला युतेनं स्व श्रेयसे श्री शांतिनाथ विंवं कारापितं प्रतिष्ठित ॥ श्री चैत्र गच्छे शार्दूल शाखायां राज गच्छान्वये १० श्री मानचन्द्र सूरी सत्य श्री रत्नचन्द्र सूरि वा० तिलक चंद्र मु. पति रूपचंद्र युतेन प्रतिष्ठा कृता स्व श्रेयोर्थे श्री पालिका नगरे श्री नवलषा. प्रासादे जोर्णोद्धार कारापित मूल नायक श्री पाश्वनाथ पमुख चतुर्विशति जिनानां बिंव० प्रतिष्ठापितानि सुवर्णमय कलश डंडे रुप्य सहस्र ५ द्रव्य व्यय कृते नाव बहु पुन्य उपार्जितं अन्य प्रतिष्ठा गुरजर देशे कृतो श्री पार्श्व गुरु गोत्र देवी श्री अम्बिका प्रसादात् सर्व कुटुम्ब वृद्धि भूयात् ॥ श्री शांतिनाथजी का मंदिर। ( 831 ) संवत् ११४५ आषाढ सुदी ६....। • श्री सोमनाथका मंदिर। (839) संवत् १२०६ द्वि० ज्येष्ठ यदि १ अद्यह भी पल्लिकायां ग्रामे अणहिल पाटकाधिष्टित
SR No.009678
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages341
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size98 MB
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