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________________ For Private And Personal Use Only ॥ मायादिना राजा मन्ना जगाद परमार जाधवला गादावानी दाना राजादिवंगतः प्रधानरिवल राज्यं स कापिजगाम लगतिप्रानधाता दिशानिर्ग्रनक व्याणाका दिवार पर रिद्विनिवासानीद्रग दिलड व कापडाला नलीका कापसादारमाडिराजा। राज्यका नितस्य सीमा योनगई। राख्यायांगनानां ग्रास दिलानागतत्रयः सार्वपि दालिताः नग लीलावतीच मरदा बिएप वाकयमां ष्ठानदातयाज्ञान रकृतया श्राचात्र राजा पुलकित बा नाक वाकुर्वत्याशिवादिनाल • तानाजानी माजगावक निवाईयामायारानृत्यति मंत्री पद्यार्जवाद शादाब सरगना राज्ञा परिदरस्याधरिका पुनर्यान्ि कावितापितः॥ कनापितानकयवा विनामिति मन्नवसार विद्यालालाच लियापनादविद्वान सुजिता निकायतिदातामाता मिं तिज गादावपुषा मुसार्य मंत्र दत्ताच न्यायया यता गाजला ध। दमन महानगपतिय डिअर स्पहद सिरा नयनवादी रीमान विदार्थ समा गुलाम हमा शनि जीनः समं प्रविष्टादीक्षितः। पदमिदीत द्वासिता ॥ गावदे४॥ सं०1४६ वामनादिकार लिलिति।श्री। वृहीतः श्री यादव दमाया मला मागजपति गाय 20 Folio No. 1a of Ms. G of the Laghu-prabandha-sangraha Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandi
SR No.009675
Book TitleLaghu Prabandh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayant P Thaker
PublisherOriental Research Institute Vadodra
Publication Year1970
Total Pages309
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & History
File Size6 MB
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