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________________ ર सूत्र मुद्रित सूत्रपाठ ३ पु.वरक्तावरत s -मार्गदिया ७ ९ را धार ए परिनिडिए १४ महयाहयनद्र्गीय व इयतीतलताल तुडियघणमुइंगमडपडहवाइयर येणं در अत्योभाई विनाय २६ रयणाणं धत्याहि अहावायरे ३३ पुव्र्वरत्तावरप्त- ४९ अतुरियं अचयलम संताए वित्तविसेसे ५१ ५२ - मालम ५३ - संपुत्र ५४ विनाय ५४ सूरे बीरे ६० 33 ५१ पीपिणिहिंदण मणि हिणिजे सत्रिसिहं मेहावी य ६२ महादूसर संयुए در ટિપ્પનકકારે સ્વીકારેલા પાટલે टिप्पन काठभेद भरतावरत - मारिया मंदिया अयोग्य विजय ६) अंगमरिस ६५ सिग्घ० आदिपदरहित रना वंदिय ६८ ७८ विउलेणं पुप्फमि ८४ ९२ -गुंजदूरागसरिसे कमलायर संडवियाहए उडियम सूरे सहस्सरस्सिम्म दिपयरे पसा जलते ग सजाओ मुद सवाई उभयमाण वारए सुपरिनिट्ठिए महवाहवन्गीयाझ्वयंसेखियलरमुहीयो यादिरिरियापदभारंभ मेरीदरीदुहिता विततपण सिरतंतीतलताललुडियमुइंगम डुनाइयरवेणं स्वणाणं जाव अहाबायरे अडुरत्तावरतअतुरियमसंभंताए फलवि चुंचुमाइए उस परम - पुन्न त्रिय मरे धीरे बीरे - गुंजद्धबंधुजीव [पारावतचलणनयण पर हुयमुरत लोयण जासुयण कुसुमरासि] हिंगुलयणिय तिरेयरे हेतसरिमे कमलावरो उदय सूरे सहस्रस्मि तस्स य कररहारपद्धम्मि [अंधकारे बालायवकुंकुमेणं खनिय] [५] जीवको स] पीि सनि हि जयनासांनी सासवाय स नफरिस स लालवतिरंगवलगगत नियंतम्मदूसरण से हुए भंगमुद्रास सिग्य० आदिपदसहित रन्ना अधिय दिय मेजा फ महादेवाफी समिि भदमाग "Aho Shrut Gyanam";
SR No.009667
Book TitleAgam 35 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Bechardas Doshi
PublisherSarabhai Manilal Nawab
Publication Year1960
Total Pages468
LanguagePrakrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Paryushan
File Size21 MB
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