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________________ ( १० ) न्यायवि० न्याविनिश्चय (अकलङ्कग्रन्थत्रय) न्यायवि. वि. लि. न्यायविनिश्चयविवरण (वीरसेवामग्दिर, सरसावा) न्यायवि. वि. लि. लिखित न्यायसू० न्यायसूत्र (चौखम्बा, काशी) न्यायाव०टी०टि० न्यायावतारटीकाटिप्पणी (श्वेताम्बरकान्फ्रेंस, बम्बई) पत्रपरी० पत्रपरीक्षा (जैनसिद्धान्त०, कलकत्ता) परीक्षामु० परीक्षामु० (पं० घनश्यामदासजी का) पात० महाभा० पातञ्जलिमहाभाष्य (चौखम्बा, काशी) प्रमाणनय० प्रमाणनयतत्त्वालोकालंकार (यशोविजयग्न०, काशी) प्रमाणनि० प्रमाणनिर्णय (माणिकचन्द ग्रन्थ०, बम्बई) प्रनाणमी० प्रमाणमीमांसा (सिंधीग्रन्थमाला, कलकत्ता) प्रमाणमी० भा० प्रमाणमीमांसाभाषाटिप्पण प्रमाणसं० प्रमाणसंग्रह (अकलऋग्रन्थत्रय) प्रमाणसं० स्वो० प्रमाणसंग्रह स्वोपज्ञवृत्ति प्रमाल प्रमालक्षण प्रमालक्ष० । प्रमेयक० प्रमेयकमलमार्तण्ड (पं० महेन्द्रकुमारजी, काशी) प्रमेयर प्रमेयरत्नमाला (पं० फूलचन्दजी, काशी) प्रवचनसा० प्रवचनसार (रायचन्द्रशास्त्रमाला, बम्बई) प्रशस्तपादभा० प्रशस्तपादभाष्य (चौखम्बा, काशी) प्रकरणपं० । प्रकरणपञ्जिका (चौखम्बा, काशी) प्रकरणपजि० ॥ प्रमाणप० प्रमाणपरी० प्रमाणपरीक्षा . (जैनसिद्धान्तप्र०, कलकत्ता) प्र० प० प्रमाणमं० प्रमाणमंजरी प्रमाणवा० प्रमाणवात्तिक (राहुलजी सम्पादित)
SR No.009648
Book TitleNyaya Dipika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmbhushan Yati, Darbarilal Kothiya
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1968
Total Pages390
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size34 MB
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