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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ११० पत्र १४ दिनकर-करभर पसरतां रे अंधकार प्रतिषेध.... __ [दिनकर = सूर्य, करभर = किरणों का समूह] पृथ्वी पर सूर्य की असंख्य किरणें फैलने पर अंधकार का प्रतिषेध हो जाता है.... यानी अंधकार नष्ट हो जाता है, वैसे जैन दर्शन देखने पर-समझने पर किसी भी बात का संशय नहीं रहता है। सभी शंकायें नष्ट हो जाती हैं। दूसरा अर्थ यह भी किया जा सकता है-दर्शन यानी दीदार | दर्शन यानी परमात्मस्वरूप। परमात्मस्वरूप देखने के बाद, स्वरूप की अनुभूति होने पर मन में किसी प्रकार का संशय नहीं रहता है। स्वरूप की अनुभूति, सूर्य के प्रकाश जैसी होती है। प्रारंभ में यह अनुभूति क्षणिक होती है! बाद में अनुभूति की क्षणे बढ़ती जाती हैं। अनुभूति का सातत्य कई घंटों तक बना रहता है, कई दिनों तक अनुभूति की मस्ती बनी रहती है। विमलनाथ भगवंत के लोचन और चरणकमल में मग्नता प्राप्त करने के पश्चात् आनन्दघनजी समग्रतया मूर्ति का अवलोकन करते हैं। टकटकी बाँध कर देंखते हैं.... उनको मूर्ति अमृतमय लगती है। अमृत के महासागर में स्नान करती हुई दिखती हैअमियभरी मुरति रची रे, उपमा न घटे कोय शान्तसुधारस झीलती रे, निरखत तृप्ति न होय.... __ आनन्दघनजी कहते हैं कि विमलनाथ की ऐसी अमृतपूर्ण [अमिय=अमृत] मूर्ति मैंने देखी.... उसका वर्णन मैं कैसे करूँ? मुझे दुनिया में ऐसी कोई उपमा नहीं दिखती है कि जिसके साथ मूर्ति की तुलना करूँ! 'सागर: सागरोपमः' जैसी बात है। मूर्ति, मूर्ति जैसी है! शान्तसुधारस में वह मूर्ति स्नान कर रही है.... यानी मूर्ति के एक-एक परमाणु में से शान्तसुधारस छलक रहा दिखता है! मूर्ति ऐसी प्यारी लग रही है.... कि देखता ही रहूँ.... देखता ही रहूँ। परंतु फिर भी तृप्ति नहीं होती है। ___ मूर्ति में परमात्मा का दर्शन करते हैं! पाषाण की मूर्ति में जीवंत परमात्मा का दर्शन करते हैं.... और भीतर में महानन्द का अनुभव करते हैं। मूर्ति काहे की भी हो.... पाषाण की हो या स्वर्ण-चांदी की हो.... देखने की दृष्टि चाहिए | भीतर में परमात्मप्रेम चाहिए। For Private And Personal Use Only
SR No.009635
Book TitleMagar Sacha Kaun Batave
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadraguptasuri
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2010
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size2 MB
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