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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पत्र १४ १०९ __कवि कहते हैं : 'भगवंत, तू मेरा सामर्थ्यशाली स्वामी है। विश्व में तेरा सामर्थ्य श्रेष्ठ है। वैसे ही तेरी उदारता भी ‘परम' है। तेरी उदारता का कभी अंत नहीं आता है। तू प्रतिक्षण उदार है। जिस मनुष्य को उदारश्रेष्ठ और शक्तिश्रेष्ठ महापुरुष का सहारा मिला हो, उस मनुष्य को दूसरों के सामने हाथ पसारने की जरुरत ही क्या? ___ मेरा तो तू ही भगवान है, नाथ है। तू अनन्त शक्ति का मालिक है और तू ही परम-अंतहीन उदार है। इसलिएमन-विशरामी वालहो रे.... आतम चो आधार.... __ हे मेरे प्रियतम, मेरे मन का तू ही विश्रामगृह है। चंचल मन संसार की गलियों में भटकता-भटकता जब थक जाता है.... तब विश्राम पाने के लिये तेरे चरणो में ही आता है और आता रहेगा। तू ही मेरा बालम [वालहो] है.... मेरा प्रियतम है। मेरी यही निष्ठा है। तू ही मेरी आत्मा का आधार है। मैंने तुझे ही मेरा आधार माना है.... शरण्य माना है। तेरी शरण में मैं निर्भय हूँ, तेरे प्रेम में मैं तृप्त हूँ, तेरे संग मुझे सब प्रकार से आराम है। आनन्दघनजी कहते हैं : 'हे प्रभो, मेरा यह कथन मात्र शब्दों की जाल नहीं है, मैंने आपके दर्शन पाये हैं, मैंने आपका साक्षात्कार पाया है, भले वह साक्षात्कार क्षणिक था, परंतु एक बार मैंने स्वानुभूति कर ली है.... इसलिए मेरे मन में किसी प्रकार का संशय नहीं रहा है!' वे कहते हैंदरिसण दीठे जिनतणुं रे संशय न रहे वेध.... ___ 'दरिसण दीठे' शब्दप्रयोग गंभीर है। 'दीठे' का अर्थ है 'देखने से'। 'दर्शन देखने से....' कैसा शब्दप्रयोग है! 'दर्शन करने से' लिखते तो सरल बात थी, 'दर्शन देखने से....' प्रयोग अटपटा लगता है न? चेतन, एक विशिष्ट ज्ञानीपुरुष जब कवि होते हैं, उनकी काव्यरचना अर्थगंभीर होती है। दर्शन देखने का अर्थ है, जैनदर्शन के सिद्धान्तों का अध्ययन | जैनदर्शन के सिद्धान्तों को पढ़ने से [देखने से] मन में तत्त्वों के विषय में कोई शंका नहीं रहती है। ज्ञान के प्रकाश में अज्ञान का अंधकार नहीं रहता है। इस बात को उपमा से समझाते हैं For Private And Personal Use Only
SR No.009635
Book TitleMagar Sacha Kaun Batave
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadraguptasuri
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2010
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size2 MB
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